औरंगाबाद. शहर के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों (Minority-Dominated Areas) के सड़कों पर निर्माण हुए गड्ढे, पेयजल आपूर्ति (Drinking Water Supply) में आरही बाधाएं, कचरे की समस्याएं और नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं (Basic Facilities) देने में जा रही अनदेखी पर एमआईएम ने महानगरपालिका मुख्यालय (Municipal Headquarters) के सामने जोरदार आंदोलन कर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, आंदोलन का नेतृत्व एमआईएम नेता नासेर सिददीकी और शहराध्यक्ष शाहरेक नक्शबंदी ने किया।
आंदोलन कारियों ने पहले महानगरपालिका मुख्यालय के सामने जोरदार आंदोलन करते हुए महानगरपालिका कमिश्नर अथवा अतिरिक्त आयुक्त को हमारी मांगों पर चर्चा करने के लिए महानगरपालिका के बाहर आने के लिए दबाव डाला। लेकिन, आयुक्त कार्यालय में उपस्थित न होने से एमआईएम पदाधिकारी, नेता और कार्यकर्ताओं ने अतिरिक्त आयुक्त बीबी नेमाने से मुलाकात कर अल्पसंख्यक और दलित बस्तियों में मूलभूत सुविधाएं देने में महानगरपालिका प्रशासन द्वारा की जा रही अनेदखी पर कड़ी नाराजगी जताकर तत्काल मूलभूत सुविधाएं देने की मांग की। एमआईएम का कहना था कि एक तरफ औरंगाबाद केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना में शामिल है, इसके बावजूद अल्पसंख्यक और दलित बस्तियां मूलभूत सुविधाओं से वंचित रह रही है।
आंदोलन कारियों ने आयुक्त के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा। जिसमें शहर के चंपाचौक से दमड़ी महल, कटकट गेट से दमड़ी महल, मकई गेट से टाउन हॉल, जहांगिर कालोनी से तहेजीन भाई के घर के सामने स्थित सड़क का डामरीकरण करना, ड्रैनेज लाईन बिछाना, निशान दर्गाह से महानगरपालिका स्कूल तक, पटेल कैफे से चेलीपुरा, सिल्कमिल कालोनी उड़ान पुल के निचे के सइ प्रशासन पर अल्पसंख्यक बहुल इलाकों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। आंदोलन में नासेर सिददीकी, शाहरेख नक्शबंदी के अलावा आरेफ हुसैनी, हाजी इसाक खान, शेख सलीम सहारा, रफिक खान, वाजिद जहांगिरदार, फिरोज खान, इरशाद खान, मीर हिदायत अली, रफिक पालोदकर, खान रमीज राजा, शेख शोएब, इमरान खान, अजहर पठाण, शारेक अन्सारी आदि उपस्थित थे।