ACP विशाल ढुमे के मामले में विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोरे ने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को लिखा पत्र, जानिए क्या लिखा

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    औरंगाबाद : शहर पुलिस आयुक्तालय में एसीपी पद पर कार्यरत नशेड़ी और चरित्रहीन विशाल ढुमे (Vishal Dhume) को महिला के साथ छेड़छाड़ कर उसके घर पहुंचकर की गई गुंडागर्दी के खिलाफ उसे निलंबित (Suspended) नहीं, बल्कि उसे पुलिस सेवा से ही बर्खास्तगी करने की मांग विधान परिषद (Legislative Council) की उपसभापति डॉ. निलम गोरे (Deputy Chairman Dr. Nilam Gore) ने राज्य के गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) को पत्र लिखकर की। 

    पत्र में डॉ. निलम गोरे ने बताया कि एसीपी विशाल ढुमे को निलंबित कर नहीं चलेगा, उसे तत्काल पुलिस सेवा से बर्खास्त किया जाए। विधान परिषद की उपसभापति ने गृहमंत्री को खिले पत्र में बताया कि शहर पुलिस दल में एसीपी पद पर कार्यरत विशाल ढुमे ने कार में लिफ्ट मांगने के बहाने प्रवेश किया।  उसके बाद कार में सवार महिला के साथ अश्लील हरकतें की। जब पीड़ित घर पहुंची तब ढुमे ने पीड़ित के घर में प्रवेश करने के लिए दबाव बनाया और गुंडागर्दी की। इसको लेकर एसीपी विशाल ढुमे के खिलाफ शहर के सिटी चौक पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। चरित्रहीन एसीपी ढुमे का यह प्रथम प्रकार नहीं है। अहमदनगर में भी कार्यरत रहते समय इसी तरह हरकते ढुमे ने की थी। उसको लेकर अहमदनगर के एसपी मनोज पाटिल ने कार्यालयीन जांच भी शुरु की थी। इसी दरमियान ढुमे का तबादला औरंगाबाद में हुआ। इससे यह साफ है कि महिलाओं के साथ अश्लील और अभद्र व्यवहार करने वाले अधिकारी को आला पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। इसलिए एसीपी ढुमे को निलंबित न करते हुए उसे तत्काल पुलिस सेवा से ही बर्खास्त करने की मांग डॉ. निलम गोरे ने गृहमंत्री फडणवीस को लिखे पत्र में की है। अंत में विधान परिषद की उपसभापति ने शहर में देर रात खुले रहने वाले होटलों पर भी सवाल खडे करते हुए उनके लाइसेंस रद्द करने की मांग की। जिन इलाकों में देर रात तक होटल खुले रहते है, उस इलाके के पुलिस, कामगार और खाद्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों पर भी कार्रवाई करने की सूचना डॉ. निलम गोरे ने पत्र में गृहमंत्री से की। 

    ढुमे के तानाशाही से कई अधिकारी थे त्रस्त 

    करीब डेढ़ वर्ष पूर्व शहर पुलिस आयुक्तालय में एसीपी पद पर विराजमान हुए विशाल ढुमे कुछ दिनों बाद शहर के सीपी डॉ. निखिल गुप्ता के गले के टाई बने थे। यह बात खुद नशेड़ी ढुमे ने पीड़ित परिवार को धमकी देते हुए कहीं थी। नशेड़ी एसीपी ने साफ कहा था कि मैं सीपी के काफी करीब हू। यह बात उन्हें शहर के तीन-तीन विभागों के मिले पदभार से भी साबित होती है। नशेड़ी एसीपी के पास शहर क्राइम ब्रांच, ट्राफिक विभाग और उस्मानपुरा क्षेत्र का एसीपी का पदभार सौंपा गया था। इसी का फायदा उठाकर नशेड़ी ढुमे ने शहर के पुलिस अधिकारियों को परेशान करने की चर्चा गत तीन दिन से पुलिस दल में जारी है।  शहर पुलिस स्टेशन के पीआई, एपीआई और पीएसआई के साथ भी नशेड़ी ढुमे का बर्ताव गुंडागर्दी जैसा था। जिससे कई पुलिस पुलिस स्टेशन के अधिकारी एसीपी ढुमे के गुंडागर्दी से त्रस्त थे। मराठी में कहावत है, अति केले की माती होती। उसी कहावत के तर्ज पर नशेड़ी और चरित्रहीन एसीपी ढुमे का हाल हुआ है। 

    कई पुलिस अधिकारी मन ही मन प्रसन्न 

    एक पुलिस अधिकारी ने अपना नाम न बताने की शर्त पर बताया कि वैसे तो कई पुलिस अधिकारी रविवार की सुबह नशेड़ी एसीपी विशाल ढुमे के खिलाफ मामला दर्ज होने पर काफी प्रसन्न थे। जिसको उसने आला अधिकारी होने का रौब दिखाकर परेशान किया था। निचले अधिकारी बस नशेड़ी एसीपी ढुमे के  निलंबन के आदेश का इंतजार कर रहे थे। बुधवार की शाम गृह मंत्रालय ने ढुमे को निलंबित करने का आदेश जारी किया। तभी कई अधिकारियों ने खुशी में जश्न मनाया। उधर, सोशल मीडिया पर भी नशेड़ी एसीपी के खिलाफ काफी गुस्सा है। सोशल मीडिया में नशेड़ी और चरित्रहीन एसीपी ढुमे को निलंबित नहीं, बल्कि पुलिस सेवा से ही बर्खास्त करने की मांग जारी है। जनता की मांग पर गृह मंत्रालय ने गंभीरता से विचार कर ढुमे को पुलिस सेवा से बर्खास्त करना चाहिए। तब जाकर ही चरित्रहीन पुलिस अधिकारी दोबारा किसी महिला के साथ गंदी हरकत करने से बाज आएंगे।