औरंगाबाद : सांसद इम्तियाज जलील (MP Imtiaz Jaleel) ने पालकमंत्री सुभाष देसाई (Subhash Desai) से मांग की है कि सिडको कनॉट क्षेत्र में महाराणा प्रताप की प्रतिमा के निर्माण पर एक करोड़ रुपये खर्च करने के बजाय उनके नाम पर राष्ट्रीय सेवा के लिए सैनिक स्कूल शुरू किया जाए। साथ ही जिला कलेक्टर (District Collector) सुनील चव्हाण (Sunil Chavan) और नगर प्रशासक आस्तिक कुमार पांडेय (Astik Kumar Pandey) को पत्र द्वारा उचित कार्रवाई की जानकारी दी गई है।
पालकमंत्री सुभाष देसाई की अध्यक्षता में पिछले माह हुई जिला नियोजन समिति की बैठक में विधायक अतुल सावे और अंबादास दानवे ने सिडको कनॉट क्षेत्र में महाराणा प्रताप की प्रतिमा के निर्माण का कार्य शुरू करने की मांग की थी। बैठक के दौरान सांसद इम्तियाज जलील ने उनकी इस मांग पर आपत्ति जताते हुए मांग की कि राष्ट्रीय सेवा के लिए के ग्रामीण क्षेत्रों युवक/युवतियों के लिए मिलिट्री स्कूल शुरू करने की मांग बैठक में की थी। सांसद इम्तियाज जलील ने पालकमंत्री देसाई को दिए ज्ञापन में बताया कि महाराणा प्रताप उदयपुर, मेवाड़ में शिशोदिया परिवार के महान राजा थे। उनकी वीरता और दृढ़ संकल्प के कारण उनका नाम इतिहास के पन्नों में अमर है। वे बचपन से ही वीर, निडर, स्वाभिमानी और स्वतंत्रता प्रेमी थे। कई युद्धों में उन्होंने प्राप्त किया था। और अपने शत्रुओं को परास्त किया है। ऐसे महान शूरवीर महाराणा प्रताप की मूर्ति लगाने से कुछ हासिल नहीं होगा।
सैन्य स्कूल महाराणा प्रताप के लिए वास्तविक सम्मान होगा। क्योंकि उन्हीं से प्रेरित होकर ग्रामीण क्षेत्र के युवक-युवतियों ने सैनिक स्कूल से देश की रक्षा के लिए प्रशिक्षण लिया। सबब सैनिक स्कूल से सक्षम और प्रशिक्षित सैन्य अधिकारियों को विकसित करने का काम किया जाएगा। सांसद इम्तियाज जलील ने पालकमंत्री सुभाष देसाई, जिला कलेक्टर और नगर प्रशासक को लिखे पत्र में कहा कि सैनिक स्कूल के छात्रों को सेना, वायु सेना और नौसेना के साथ-साथ कई अन्य सरकारी और निजी क्षेत्रों में नौकरी के अवसर मिलेंगे।