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    औरंगाबाद: शिवसेना (Shiv Sena) के विधायकों ने बगावत (Rebel MLAs) करने के चलते गत एक माह से जारी राजनीतिक उठापठक के बीच गत दो दिन से ‘शिवसंवाद यात्रा’ (Shivsamvad Yatra) को लेकर औरंगाबाद (Aurangabad) पहुंचे युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) के दौरे ने शिवसैनिकों में जान भर  दी है। आदित्य ठाकरे जिले के जिन क्षेत्रों में पहुंचे वहां शिवसैनिकों और ठाकरे परिवार को चाहनेवालों  ने उनका जोरदार स्वागत किया। आदित्य ठाकरे भी लोगों के प्रेम से गदगद हुए। आदित्य का यह दौरा  पार्टी के बड़ी संख्या में विधायकों के बगावत के बाद भी कामयाब होने से शिवसैनिकों का उत्साह दुगुना हुआ है, बल्कि बगावत किए विधायक यह सोचने के लिए बाध्य हुए कि हमने बगावत क्यों की?।

    महाराष्ट्र की राजनीति में गत माह  शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे ने बगावत करते हुए 40 विधायकों को अपने खेमे में कर लिया। शिंदे द्वारा खेली गई कुटनीतिक राजनीति के बाद शिवसेना, बल्कि ठाकरे परिवार को तगड़ा झटका लगा है। जिन 40 विधायकों ने शिवसेना से बगावत कर शिंदे गुट का दामन थामा है, उनमें औरंगाबाद के 5 विधायक भी शामिल हैं।

    शिवसेना का गढ़ रहा है औरंगाबाद

     औरंगाबाद पिछले करीब 30 सालों से शिवसेना का गढ़ रहा है। विशेषकर, 2019 के विधानसभा चुनाव में कुल 9 सीटों में से 6 पर शिवसेना ने कब्जा जमाकर जिले में अपनी जड़े और अधिक मजबूत की थी। उधर, विधानसभा चुनाव के बाद सेना ने कांग्रेस-एनसीपी का दामन थामकर सत्ता स्थापित करने के बाद भी शिवसेना का चाहनेवालों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा था। शिवसेना की राज्य में सत्ता होने से कट्टर हिंदुत्ववादी सोच रखेनवाले 5 से 10 प्रतिशत शिवसैनिक छोड़कर सभी शिवसैनिक पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री होने से काफी प्रसन्न थे। 

    शिवसैनिकों में आदित्य ठाकरे ने फूंकी जान 

    महाराष्ट्र में ठाकरे सरकार ने ढाई साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद गत माह अचानक पार्टी के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे ने बगावत कर बीजेपी के साथ सत्ता स्थापित की। शिंदे सरकार के गठन के बाद शिवसेना के गढ़ माने जानेवाले औरंगाबाद जिले के शिवसैनिकों में बेचैनी थी। जल्द ही होनेवाले औरंगाबाद महानगरपालिका, जिले के नगरपालिका और ग्राम पंचायत चुनाव में शिवसेना का अस्तित्व कमजोर होगा, या फिर उंगलियों पर गिनने इतने सदस्यों का चुने जाएंगे  इसको लेकर कई कयास लगाए जा रहे थे। परंतु, शुक्रवार को औरंगाबाद जिले के वैजापुर शहर में शिवसंवाद यात्रा लेकर पहुंचे आदित्य ठाकरे का जोरदार स्वागत हुआ। उसके बाद खुलदाबाद में भी हजारों शिवसैनिकों और ठाकरे परिवार को चाहनेवालों  ने आदित्य ठाकरे के  शिवसंवाद यात्रा में हाजिरी लगाकर बागियों को यह एहसास करा दिया कि आनेवाले चुनावों में हम आपको सबक सिखाकर रहेंगे। जिले के जिन क्षेत्रों में पार्टी के विधायकों ने बगावत की, उन क्षेत्रों का आदित्य ठाकरे ने दौरा कर मुरझाए हुए शिवसैनिकों में जान डालकर उनकी खुशियां चार गुना कर दिया, बल्कि उन्हें यह बता दिया कि शिवसेना को कोई कमजोर नहीं कर सकता।

    औरंगाबाद में भी  दिखा शिवसैनिकों का जोरदार उत्साह 

    शहर के औरंगाबाद पश्चिम के विधायक संजय सिरसाठ के अलावा चुनिंदा पदाधिकारियों ने बगावत की है। जिसके चलते पार्टी के उंगलियों पर गिनने इतने पदाधिकारी शिंदे गुट में शामिल हुए। बड़े पैमाने पर विधायकों की बगावत से शहर में शिवसेना को तगडा झटका लगने के आसार थे, परंतु गुरुवार शाम शहर के संत एकनाथ रंग मंदिर में शिवसंवाद यात्रा को लेकर पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के लिए एक सम्मेलन का आयोजन किया गया था। सम्मेलन में हजारों शिवसैनिकों ने हाजिरी लगायी। सम्मेलन में उपस्थित शिवसैनिकों में विधायकों के बगावत का मामूली भी असर नहीं दिखाया दिया। आदित्य ठाकरे को शिवसैनिकों ने अपना नेता मानकर उनका जोरदार स्वागत किया। 

     

    बागियों को कई बार गद्दार कहने से नहीं चुके आदित्य  

    शिवसंवाद यात्रा में पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए आदित्य ठाकरे बागियों को कई बार गद्दार कहने से नहीं चुके। उन्होंने अपने भाषण में कई भावनिक शब्दों का इस्तेमाल कर शिवसैनिकों को शिवसैनिक बने  रहने के लिए बाध्य किया। आदित्य ठाकरे ने साफ कहा कि शिवसेना ने इन बागियों को क्या कुछ नहीं दिया। कई वरिष्ठ पद हासिल करने के बावजूद उन्होंने हमारे साथ गद्दारी की। आदित्य के बयान पर शिवसैनिक उत्साह के साथ दाद देकर उनका उत्साह बढ़ा रहे थे। आदित्य ठाकरे ने शिवसैनिकों को भावनिक शब्दों में साफ कहा कि जब उद्धव ठाकरे बीमार थे, तब गद्दारों ने गद्दारी करने का जाल बिछाया। औरंगाबाद शहर में शिवसैनिकों ने दिखाए उत्साह के बाद आदित्य ठाकरे गुरुवार रात चैन की नींद जरुर सो  पाए होंगे, क्योंकि गत एक माह से शिवसेना में हुई बगावत के बाद जारी उठापठक के बीच महाराष्ट्र में ठाकरे की शिवसेना का अस्तित्व खत्म होने की  बयान बाजी  पार्टी के  विरोधी कर रहे हैं, परंतु औरंगाबाद वासियों ने आदित्य ठाकरे का जोरदार स्वागत कर उन्हें अपने सिर पर बिठाया। जिससे जिले में बगावत किए विधायकों की नींद हराम होना तय है। 

    बिडकीन और गंगापुर परिसर का दौरा 

    आदित्य ठाकरे ने शनिवार को जिले के बिडकीन और गंगापुर परिसर का दौरा किया। वहां भी उनका जोरदार स्वागत हुआ।लोगों ने आदित्य ठाकरे के शिवसंवाद यात्रा को जोरदार प्रतिसाद देने से आदित्य ठाकरे को यह एहसास जरुर हुआ होगा कि शिवसेना को खत्म करना बागियों का काम नहीं है, बल्कि जो अस्तित्व शिवसेना का 25 साल पहले थे, वह भविष्य में भी बरकरार रहेगा।