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    औरंगाबाद : आए दिन साइबर क्राइम (Cyber Crime) मामलों में इजाफा हो रहा है। शातिर साइबर अपराधी (Criminal ) नई-नई शक्ल लगाकर लोगों को चूना लगाने में कामयाब हो रहे है। शहर के वालूज एमआईडीसी में स्थित कीर्दक ऑटोकॉम कंपनी (Kirdak Autocom Company) को पुणे के सप्लायर विनय कॉर्पोरेशन के साथ रोज व्यवहार की जानकारी रखकर शातिर साइबर अपराधी ने बैंक अकाउंट (Bank Account) चेंज होने की जानकारी फर्जी ई-मेल (Fake E-Mail) के सहारे देकर कंपनी को 9 लाख 81 हजार रुपए को चूना लगाया था। परंतु, शहर पुलिस आयुक्तालय के साइबर पुलिस ने अपनी तत्परता (Readiness) से उक्त रकम एक सप्ताह में कंपनी को रिटर्न दिलाने में कामयाबी हासिल की। 

    बैंक खाता चेंज होने की जानकारी

    साइबर पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक गौतम पातारे ने बताया कि शहर के वालूज एमआईडीसी में स्थित कीर्दक ऑटोकॉम कंपनी का हर दिन पुणे के सप्लायर विनय कॉर्पोरेशन के साथ ई-मेल पर व्यवहार होता था। गत सप्ताह कीर्दक ऑटो कंपनी को विनय कॉर्पोरेशन का एक ई-मेल प्राप्त हुआ। जिसमें बैंक खाता चेंज होने की जानकारी थी। इस मेल पर कीर्दक ऑटो कंपनी के अकाउंट विभाग के अधिकारियों ने भरोसा कर 9 लाख 81 हजार रुपए ट्रांसफर किए। उसके बाद कंपनी के अधिकारी ने विजय कॉर्पोरेशन के संचालक से संपर्क करने पर उन्होंने बैंक खाता चेंज होने का कोई ई-मेल न भेजने की जानकारी दी। जिसके बाद कंपनी के मालिक को यह बात साफ हुई कि शातिर अपराधी ने उन्हें फंसाया है। 

    घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू

    इस घटना के बाद कंपनी के मैनेजमेंट के कालिदास शिंदे ने तत्काल साइबर पुलिस स्टेशन पहुंचकर घटना की जानकारी पीआई गौतम पातारे को दी। उन्होंने घटना को गंभीरता से लेकर जांच शुरू की। जांच में साइबर पुलिस ने आरोपी के बैंक खाता का पता लगाकर पहले उसे फ्रिज किया। उसके बाद अगली कार्रवाई करते हुए कीर्दक ऑटो कंपनी को फंसाकर हड़पी हुई 9 लाख 81 हजार रुपए की रकम कंपनी के खाते में दुबारा वापिस दिलाने में कामयाबी हासिल की। यह कार्रवाई शहर के सीपी डॉ. निखिल गुप्ता, डीसीपी अपर्णा गिते, एसीपी विशाल ढुमे के मार्गदर्शन में साइबर पुलिस स्टेशन के पीआई गौतम पातारे, एपीआई राहुल चव्हाण, सुशांत शेलके, वैभव वाघचौरे, गोकुल कुतरवाडे, महेश उगले और अन्य ने पूरी की।