
औरंगाबाद : अहमदनगर पुलिस (Ahmednagar Police) द्वारा आतंकवादियों (Terrorists) को पकड़ने के लिए गत महीने की गई मॉक ड्रिल (Mock Drill) में मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) के व्यक्ति को आतंकवादी (Terrorists) दिखाकर अरबी भाषा में नारे लगाकर एक आतंकवादी को पकड़ने का वीडिओ सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस पर शहर के सामाजिक कार्यकर्ता सैयद ओसामा अब्दुल कदीर ने आक्षेप जताकर मुंबई उच्च न्यायालय के औरंगाबाद खंडपीठ में याचिका दायर की है। याचिका को लेकर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य के गृहमंत्रालय, पुलिस महानिदेशक और अहमदनगर एसपी को नोटिस जारी किया है।
औरंगाबाद खंडपीठ के न्यायमूर्ति मंगेश पाटिल और न्यायमूर्ति संतोष चपलगांवकर के समक्ष सामाजिक कार्यकर्ता सैयद ओसामा द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई हुई। इस मामले को लेकर हुई सुनवाई में न्यायालय ने राज्य के गृहमंत्रालय, पुलिस महानिदेशक और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है। न्यायालय ने पुलिस प्रशासन को आदेश दिया कि अगली सुनवाई तक विशेष समुदाय के संबंधित व्यक्ति को आतंकवादी दिखाकर मॉक ड्रिल न हो इसको लेकर एक प्रतिबंधित आदेश भी हाईकोर्ट ने जारी किया। इस मामले पर अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी।
अहमदनगर पुलिस के मॉक ड्रिल का वीडिओ हुआ था वायरल
बता दें कि गत महीने अहमदनगर शहर के मालिवाडा बस स्थानक में पुलिस द्वारा आतंकवादी को पकड़ने को लेकर एक मॉक ड्रिल हुआ था। उस समय मुस्लिम समुदाय का आतंकवादी दिखाकर उसे पुलिस द्वारा पकड़ने के बाद अरबी भाषा के नारे लगाने का वीडिओ वायरल हुआ था। इस वीडिओ पर शहर के सामाजिक कार्यकर्ता सैयद ओसामा अब्दुल कदीर ने आक्षेप जताते हुए औरंगाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में सैयद ओसामा ने बताया कि जानबूझकर मुस्लिम समुदाय को आतंकवादी दिखाना यह स्पष्ट रुप से पुलिस द्वारा एक विशेष समुदाय के खिलाफ अन्य समुदाय में द्वेष फैलाना है। पुलिस द्वारा मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति को आतंकवादी दिखाकर यहीं समुदाय आतंकवादी होने का संदेश पुलिस पहुंचाना चाहती है। पुलिस का यह अवैध कृत्य किसी भी व्यक्ति के सम्मान से जीवन गुजारने के घटनात्मक अधिकारों का उल्लघंन करता है। पुलिस का कृत्य देश के अखंडता और एकात्मता को धोखा निर्माण करने वाला है। पुलिस की इस कृति से मुस्लिम समुदाय के विश्वास को ठेस पहुंचती है। ओसामा ने याचिका में आरोप लगाया कि अहमदनगर पुलिस द्वारा मॉक ड्रिल करते समय एक विशेष समुदाय को खुले आम आतंकवादी दिखाया गया। इस मामले में दोषी पुलिस अधिकारी पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग याचिका में की गई है। इस मामले में सरकार की ओर से एड. डीआर काले ने पैरवी की। याचिका कर्ता सैयद ओसामा अब्दुल कदीर की ओर से एड. सैयद तौसिफ ने पैरवी की।