विरोधी दल का नेता देशद्रोही और भाजपा में जानेवाला हर व्यक्ति सुसंस्कृत, सुप्रिया सुले ने कसा केंद्र की मोदी सरकार पर तंज

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    औरंगाबाद. चुनाव (Election) के समय जो नेता भाजपा (BJP) के विरोध में रहेंगा, उसे देशद्रोही ठहराया जाता है। वहीं, व्यक्ति अगर भाजपा में शामिल हुआ तो वह उनके वॉशिंग मशिन (Washing Machine) में मैजिक पावडर से वॉश होकर सुसंस्कृत होता है। यह अनुभव पूरा देश पिछले कुछ सालों से देख रहा है। वर्तमान की केंद्र (Central) की मोदी सरकार (Modi Government) दमन वाली सरकार है। उसकी शुरुआत उन्होंने एनसीपी सुप्रीमो और मेरे पिता शरद पवार को ईडी की नोटिस देकर की थी। जिस तरह इमरजेंसी में मीडिया, विरोधी जनप्रतिनिधियों को सरकारी यंत्रणाओं का इस्तेमाल कर परेशान किया गया था, उसी तरह की प्रताड़ना वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा जारी है। यह आरोप लगाकर एनसीपी सांसद सुप्रीया सुले ने देश की मोदी सरकार पर तंज कसा।  

    औरंगाबाद जिला मराठी पत्रकार संघ और श्रमिक पत्रकार संघ की ओर से सोमवार शाम पत्रकार भवन में सुप्रीया सुले की ‘मीट द प्रेस’ का आयोजन किया गया था। जहां उन्होंने मोदी सरकार के कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर गंभीर आरोप लगाए। सांसद सुले ने कहा कि जिस तरह इमरजेंसी काल में मीडिया को दबाने का प्रयास हुआ था, उसी तरह का दबाव आज केंद्र सरकार द्वारा मीडिया सहित विरोधी दलों के नेताओं पर सरकारी एजेंसियों के सहारे किया जा रहा है। जो मीडिया सरकार के खिलाफ लिखेंगी, उन्हें नोटिस भेजकर और छापेमारी कर परेशान किया जा  रहा है। 

    केंद्र की नीतिया संविधान और एकता के लिए घातक 

    सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि इमरजेंसी अनाउंस कर विरोधियों को परेशान किया गया था।  उसका जिक्र भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली हमेशा संसद में करते थे। आज वही स्थिति बिना इमरजेंसी के देश में निर्माण कर विरोधियों को प्रताड़ित करने का आरोप सांसद सुले ने लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार की यह नीति संविधान और एकता के लिए काफी घातक साबित हो रही है। इसके बावजूद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी केंद्र की इन नीतियों से न घबराते हुए लड़ाई जारी रखेंगी। सुले ने साफ कहा कि सत्य कभी पराजित नहीं होता है। उन्होंने राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के घर ईडी द्वारा 7 बार की गई छापेमारी पर कई सवाल उपस्थिति कर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि 7 बार देशमुख के घर छापेमारी करने के बावजूद ईडी के हाथ कुछ नहीं लगा है।  

    पत्रकारिता पर उठाए कई सवाल 

    सांसद सुले ने कहा कि आधुनिकता के इस  युग में इलेक्ट्रानीक और सोशल मीडिया का बोलबाला है। इसके बावजूद आज भी प्रींट मीडिया का अपना अस्तित्व बरकरार है। सुले ने कहा कि इलेक्ट्रानिक मीडिया पर  खबर दिखाने के बाद एंकर बिना ज्ञान के ऐेसे सवाल पूछते है, जिन सवालों का जवाब दे पाना मुश्किल होता है।ऐसी पत्रकारिता पर कहीं न कहीं रोक लगाने पर भी सांसद सुले ने जोर दिया। कुछ भी सवाल पूछकर सामनेवाले को सक्ते में डाला जाता है। ऐसी खबरों से राजनेता, जनप्रतिनिधि के परिवार पर क्या असर होता होगा? इसका कोई ध्यान न रखते हुए बिना ज्ञान वाली खबरें दिखाकर हमारा चैनल नंबर वन का दावा किया जाता।  

    जनता अब उब चुकी है इलेक्ट्रानीक मीडिया से 

    एक सवाल के जवाब में सांसद सुले ने कहा कि हर क्षेत्र में बदलाव के साथ-साथ पत्रकारिता में बड़े पैमोन पर बदलाव हो रहा है। पिछले कुछ सालों से इलेक्ट्रानिक एवं प्रींट मीडिया का दबदबा था।  अब  लोगों ने इलेक्ट्रानिक मीडिया की खबरें देखने से भी कन्नी काट ली है। उसका मुख्य कारण एक ही खबर को बार-बार 24 घंटे तक  चलाकर लोगों के सामने कई मामले गलत पेश किए जाते। इससे जनता का विश्वास ऐसी पत्रकारिता से खत्म हो रहा  है।  इसमें सुधार की सख्त जरुरत होने पर सांसद सुले ने बल दिया।  

    राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी वेलफेयर द्वारा 5 लाख का निधि औरंगाबाद जिला मराठी पत्रकार संघ को शरद पवार द्वारा उपलब्ध कराया गया था। उक्त निधि से  नवीनीकरण किए गए पत्रकार भवन का सोमवार शाम सांसद सुप्रीया सुले के हाथों उदघाटन किया गया।  इस अवसर पर जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष विनोद काकडे, सचिव विकास राउत, वरिष्ठ पत्रकार सुधीर देशपांडे के अलावा शहर के कई पत्रकार उपस्थित थे।