ओबीसी आरक्षण देने में विफल रही महाविकास आघाडी सरकार :  अतुल सावे

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    औरंगाबाद : राज्य के महाविकास आघाडी सरकार (Mahavikas Aghadi Government) के लापरवाह भरे कामकाज से राज्य में ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) स्थानीय निकाय चुनावों में नहीं मिल पाया। सरकार के ओबीसी मंत्रियों (OBC Ministers) ने अब लाचारी छोड़कर, अपने समाज को राजनीतिक आरक्षण (Political Reservation) प्राप्त करने के लिए मंत्री पद का इस्तीफा (Resignation) देने की हिम्मत दिखाए। यह अपील बीजेपी के प्रदेश महासचिव और विधायक अतुल सावे (MLA Atul Save) और शहर अध्यक्ष संजय केणेकर (City President Sanjay Kenekar) ने आयोजित प्रेस वार्ता में की। 

    महाविकास आघाडी सरकार द्वारा ओबीसी राजनीकि आरक्षण लागू नहीं

    गौरतलब है कि ओबीसी समाज को राजनीतिक आरक्षण देते समय वह कितने प्रमाण में देने चाहिए, यह प्रशन है। उसके लिए समर्पित आयोग द्वारा एम्पिरिकल डेटा यानी ओबीसी की वस्तुस्थिति पर आंकडेवारी जमा कर प्रमाण तय करना और कुल आरक्षण के 50 प्रतिशत मियाद रखना जरुरी है। सुप्रीम कोर्ट ने 4 मार्च 2021 को  महाराष्ट्र के ओबीसी राजनीतिक आरक्षण स्थगित करते हुए उसे दुबारा लागू करने के लिए उन तीनों टेस्ट को पूरा करने पर जोर दिया था। महाविकास आघाडी सरकार द्वारा यहीं काम न करने से राज्य में ओबीसी राजनीकि आरक्षण लागू नहीं हो पा रहा है। दूसरी ओर मध्य प्रदेश ने न्यायालय के आदेश के बाद तत्काल डेटा जमा कर सभी टेस्ट पूरे कर ओबीसी आरक्षण दुबारा पाया। मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार की सफलता के बाद महाविकास आघाडी सरकार की असफलता दुबारा खुलकर सामने आयी है। केणेकर ने कहा कि ठाकरे सरकार के ओबीसी मंत्रियों ने मध्य प्रदेश सरकार ओबीसी आरक्षण पाने में कामयाब होने के बाद सत्ता की लालसा छोड़कर और सरकार पर दबाव बनाने के लिए मंत्री पद का तत्काल इस्तीफा देने की हिम्मत दिखाने की अपील सावे ने ओबीसी मंत्री छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, जितेंद्र आव्हाड, विजय वडडेटीवार से की। 

    महाराष्ट्र में ओबीसी को राजनीतिक आरक्षण नहीं मिल सका

    एक सवाल के जवाब में प्रदेश महासचिव अतुल सावे ने कहा कि एम्पिरिकल डेटा जमा कर तीनों टेस्ट पूरी करने के बाद ओबीसी राजनीतिक आरक्षण दुबारा मिले, यह सुप्रीम कोर्ट के 4 मार्च 2021 परिणाम से स्पष्ट हुआ है। लेकिन, अब मध्य प्रदेश का परिणाम आने के बाद नया संशोधन होने जैसा दिखावा कर ठाकरे सरकार के मंत्री महाराष्ट्र में खुद ब खुद आरक्षण मिलने का ढोल पीट रहे है। सावे ने आरोप लगाया कि ठाकरे सरकार ने एम्पिरिकल डेटा जमा करने में टालमटोल की नीति अपनाने से ओबीसी को राजनीतिक आरक्षण महाराष्ट्र में नहीं मिल पाया। इस असफलता की जिम्मेदारी सरकार के ओबीसी मंत्रियों की है। इसलिए अब उन्होंने समाज के लिए हिम्मत दिखाते हुए मध्य प्रदेश की तरह तीनों टेस्ट पूरे कर ओबीसी समाज को आरक्षण दुबारा दिलाने के लिए मंत्री पद के इस्तीफे देने की मांग विधायक अतुल सावे और शहर अध्यक्ष केणेकर ने की। प्रेस वार्ता में बीजेपी  शहर अध्यक्ष संजय केणेकर, बीजेपी प्रदेश सचिव प्रवीण घुगे, पूर्व मेयर बापू घडामोडे, अनिल मकरिए, प्रा. गोविंद केन्द्रे, डॉ. राम बुधवंत उपस्थित थे।