MP IMTIYAZ JALIL

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    औरंगाबाद:  महाराष्ट्र सरकार के जारी शीतकालीन सत्र (Winter Session) में राज्य के अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) ने साफ कहा कि जब तक केन्द्र सरकार (Central Government) आरक्षण (Reservation) के लिए 50 प्रतिशत से अधिक की मियाद नहीं बढ़ाती तब तक मराठा और मुस्लिम समुदाय को आरक्षण देना मुश्किल है। नवाब मलिक के बयान पर एमआईएम के औरंगाबाद सांसद इम्तियाज जलील (MP Imtiaz Jalil) ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस-एनसीपी मुसलमानों को बेवकुफ बनाना छोड़ दें। सन 2014 में राज्य की तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी गठबंधित आघाडी सरकार ने मुसलमानों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने का  निर्णय लिया था। वह सरकार का मुस्लिम समाज के साथ धोखा था। 

    गौरतलब है कि राज्य के जारी शीतकालीन अधिवेशन में सपा विधायक अबू आसिम आजमी ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर सरकार को घेरकर जवाब तलब किया था। आजमी द्वारा मुस्लिम आरक्षण के उठाए गए मुद्दे पर अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक ने साफ किया कि राज्य में 50 प्रतिशत आरक्षण के लिए मियाद पहले से तय है। इसमें केन्द्र सरकार द्वारा बढ़ोत्री का बील पारित करने के बाद राज्य सरकार इस पर निर्णय ले सकती है। केन्द्र सरकार को राज्य सरकार ने कई बार इसमें अमिटमेंट की मांग की है, लेकिन केन्द्र सरकार ने कोई पहल न करने से राज्य सरकार को मराठा और मुस्लिम समुदाय को आरक्षण देने में दिक्कते आ रही है। 

    सांसद जलील ने कसा तंज

    मलिक के इस बयान पर सांसद जलील ने कहा कि सरकारी नौकरियों में 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता, यह बात राज्य की तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी आघाडी सरकार को पता थी। फिर 2014 में मुसलमानों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 5 प्रतिशत आरक्षण बिल क्यों लाया गया? यह सवाल सांसद जलील ने उपस्थित कर मलिक के बयान पर तंज कसा। सांसद जलील ने कहा कि 2014 के चुनाव से पूर्व भी यह नियम लागू था। इसका ज्ञान तत्कालीन आघाडी सरकार को था, फिर आरक्षण देने का अध्यादेश क्यों लाया गया?। जलील ने कहा कि मुंबई उच्च न्यायालय ने भी मुस्लमानों को शिक्षा में 5 प्रतिशत आरक्षण देने का आदेश पारित करने से पहले इन सब बातों को ध्यान में रखा होगा। कांग्रेस-एनसीपी की नीति पर जलील ने साफ कहा कि यह दोनों दल मुस्लमानों को आरक्षण के नाम पर बेवकुफ बना रहे है। इसका कांग्रेस और एनसीपी को महाराष्ट्र के मुस्लिम समुदाय को जवाब देना होगा।