महावितरण के प्रयासों को मिली सफलता, कृषि पंपों को आठ घंटे सुचारू बिजली आपूर्ति

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    औरंगाबाद: बढ़ते तापमान और कोयले की भारी कमी के कारण बिजली की उपलब्धता को पूरा करने के महावितरण के तेजी से प्रयास सफल हो रहे हैं। इसलिए शुक्रवार (15 दिसंबर) को सुबह 7 बजे के बाद महावितरण ने राज्य में कहीं भी लोडशेडिंग नहीं की है। सुचारू बिजली आपूर्ति की यह स्थिति शनिवार (16 दिसंबर) शाम तक बनी रही। साथ ही पिछले दो दिनों से कृषि पंपों को दिन-रात के चक्र में 8 घंटे बिजली की आपूर्ति शुरू कर दी गई है और इसे बनाए रखने का हर संभव प्रयास किए जा रहे है।

    महाराष्ट्र समेत देश के 10 राज्यों में कोयले की भारी किल्लत से बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ है, लेकिन महावितरण द्वारा किए गए त्वरित प्रयासों के कारण अतिरिक्त बिजली उपलब्ध हो गई है। साथ ही 2000 मेगावाट तक की बिजली खुले बाजार (पावर एक्सचेंज) से खरीदी जा रही है। नतीजतन, गुरुवार (14 दिसंबर) से राज्य में बिजली आपूर्ति की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। एमएसईडीसीएल के इन प्रयासों के फलस्वरूप पिछले दो दिनों से राज्य के कृषि पंपों को दिन में 8 घंटे और रात में 8 घंटे बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है।

    राज्य के किसी भी हिस्से में लोडशेडिंग की जरूरत नहीं पड़ी

    महावितरण यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है कि यह बिजली आपूर्ति जारी रहे। साथ ही शुक्रवार (15 दिसंबर) को सुबह सात बजे के बाद राज्य के किसी भी हिस्से में लोडशेडिंग की जरूरत नहीं पड़ी। सुचारू बिजली आपूर्ति की स्थिति 16 अप्रैल की शाम तक बरकरार थी। प्रदेश में किसी भी हाल में बिजली के अस्थाई लोडशेडिंग को रोकने के लिए ऊर्जा मंत्री डॉ. नितीन राउत ने जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।  अतिरिक्त बिजली प्रदान करने के अलावा, गर्मी का सामना करने के लिए लोडशेडिंग से बचने के लिए देखभाल की जा रही है। वहीं, महावितरण ने महानिर्मिती से अधिकतम बिजली पैदा करने का अनुरोध किया है। 

    जिला मुख्यालयों पर 24 घंटे वॉर रूम शुरु

    ऊर्जा मंत्री डॉ. नितिन राउत और महावितरण के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक विजय सिंघल लगातार बिजली की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। उनके मार्गदर्शन में विभिन्न उपायों के साथ महावितरण ने मुख्यालय सहित सभी जिला मुख्यालयों पर 24 घंटे वॉर रूम शुरु किया है। इसके लिए इंजीनियरों और अधिकारियों की विशेष नियुक्ति की गई है। पिछले अक्टूबर में कोयले की कमी ने बिजली उत्पादन को प्रभावित किया। उस समय महावितरण के अथक प्रयासों के कारण राज्य लोडशेडिंग से बचने में सफल रहा था।  वर्तमान में बिजली लोड विनियमन की स्थिति अस्थायी है। महावितरण द्वारा इसे रोकने या कम से कम इसे रखने के लिए हर सावधानी बरती जाती है। पिछले ढाई साल में कोरोना के भीषण प्रकोप के चलते हॅलो महावितरण के  अधिकारी और कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर सुचारू बिजली आपूर्ति कर रहे  है।

    नागरिकों से सहयोग की अपील

    महज 12 से 24 घंटे में प्रदेश के प्रमुख अस्पतालों और ऑक्सीजन परियोजनाओं को नए बिजली कनेक्शन दिए गए और बिजली का लोड बढ़ा दिया गया है। चक्रवात ‘निसर्ग’ और ‘तौकते’ ने दिन-रात, अथक मरम्मत कार्य के माध्यम से कम समय में लगभग 11 मिलियन ग्राहकों को बिजली आपूर्ति बहाल कर दी है। अभी भी कोयले की कमी के कारण स्थिति अत्यंत प्रतिकूल होने पर तत्काल उपाय करके बिजली आपूर्ति की स्थिति में सुधार किया गया है। यह अस्थायी लोडशेडिंग जल्द ही समाप्त हो जाएगी। तब तक सभी नागरिक सहयोग करें, अपील महावितरण द्वारा की गई है।