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छत्रपति संभाजीनगर : इन दिनों पूरे महाराष्ट्र में बहुचर्चित स्थानीय प्रधानमंत्री आवास योजना घोटाले (Pradhan Mantri Awas Yojana Scam) की दिन ब दिन परते खुलती जा रही है। योजना का काम लेने के लिए जिन तीन एजेंसियों के नाम पर निविदा दाखिल की गई थी, उन पर शहर पुलिस के अलावा ईडी (ED) ने शिकंजा कसने के बाद महानगरपालिका अधिकारी भी शक के दायरे में है। राज्य सरकार के अर्बन डेवलपमेंट विभाग (Urban Development Department) ने इस मामले ने दिए निर्देश पर महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. अभिजीत चौधरी (Municipal Commissioner Dr. Abhijit Chowdhary) ने पीएम आवास योजना के लिए गत वर्ष जारी की गई निविदा के लिए गठित समिति मेंं शामिल 6 आला अधिकारियों को नोटिस थमा कर स्पष्टीकरण मांगा है। 

महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. चौधरी ने बताया कि पीएम आवास योजना घोटाले को लेकर महानगरपालिका प्रशासन द्वारा दायर की गई शिकायत के बाद स्थानीय पुलिस जांच में जुटी हुई है। जब उनसे इस घोटाले में ईडी की इंट्री पर पूछे सवाल पर उन्होंने साफ कहा कि ईडी ने क्यों जांच शुरु की, इसकी कोई जानकारी मेरे पास नहीं है। परंतु, शहरी विकास मंत्रालय के निर्देश पर मैंने महानगरपालिका कमिश्नर के नाते पीएम आवास योजना के लिए गत वर्ष निकाली गई निविदा के लिए गठित समिति के सभी अधिकारियों को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा है। 

निविदा प्रक्रिया के लिए गठित हुई थी समिति 

गौरतलब हो कि गत वर्ष महानगरपालिका प्रशासन ने मार्च महीने के आरंभ में पीएम आवास योजना के लिए निविदा जारी की थी। उससे पूर्व तत्कालीन कमिश्नर आस्तिक कुमार पांडेय ने निविदा प्रक्रिया के लिए महानगरपालिका के आला अधिकारियों की एक समिति गठित की थी। केंद्र सरकार ने गत वर्ष 31 मार्च से पूर्व आवास योजना की निविदा प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश प्रशासन को दिए थे। सरकार के निर्देश के बाद निविदा प्रक्रिया पूरी करने के लिए काफी कम समय प्रशासन को मिला था। ऐसे में तत्कालीन महानगरपालिका कमिश्नर आस्तिक कुमार पांडेय ने सरकार के निर्देश पर योजना की निविदा प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करने के लिए समिति का गठन किया था। समिति के प्रमुख में महानगरपालिका के तत्कालीन अतिरिक्त आयुक्त बीबी नेमाने, तत्कालीन शहर अभियंता सखाराम पानझडे, उपायुक्त अपर्णा थेटे, तत्कालीन मुख्य लेखाधिकारी और वर्ततान लेखाधिकारी संजय पवार, मुख्य लेखापरीक्षक शामिल थे। इन सभी को महानगरपालिका कमिश्नर ने नोटिस जारी कर पीएम आवास योजना के जारी की गई निविदा को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। 

योजना के लिए दी गई जमीन पर उठने लगे कई सवाल 

गौरतलब है कि शहर में पीएम आवास योजना अधर में लटकने का मुद्दा जब लोकसभा में गुंजा, तब केंद्र सरकार हरकत में आई और प्रशासन को तत्काल इस योजना के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए गए थे। ऐसे में जिले के तत्कालीन जिलाधिकारी सुनील चव्हाण ने आनन-फानन में ऐसी जमीनें अलॉट की, जिसमें बड़े पैमाने पर अतिक्रमण और खदान है। खदानों और अतिक्रमणों को हटाकर पीएम आवास योजना के लिए इमारतों का निर्माण कैसा होगा? इस पर न जिला प्रशासन गंभीर था और न ही महानगरपालिका प्रशासन के आला अधिकारी। जिसके चलते इस योजना को लेकर ठेकेदार सहित महानगरपालिका अधिकारी भी शक के घेरे में आ रहे है। जमीन अलॉट होने के बाद उस जमीन को वेरीफाई करना जिला और महानगरपालिका प्रशासन के अधिकारियों का काम था। उस समय ही जमीन की स्कूटनी होती तो आज जमीन की समस्या नहीं आती। कमिश्नर ने साफ किया कि योजना के लिए डीपीआर तैयार करने के बाद जमीनों की जांच करना भी जरुरी है। विशेषकर, शहर में कितने लोग इस योजना का लाभ लेना चाहते, इसका गहराई से अभ्यास किए बिना ही 40 हजार घरों के निर्माण की निविदा निकाली गई। कमिश्नर ने जिस कंपनी ने गत वर्ष निविदा जारी होने के बाद डीपीआर तैयार किया था, वहीं कंपनी बाद में योजना का काम करने के लिए अलग-अलग कारण दिखाकर उससे कन्नी काट रही थी। जिस समरथ कन्स्ट्रक्शन को योजना का काम दिया गया था, उस एजेंसी के पास निविदा में जारी किए नियम और शर्तों के अनुसार अनुभव नहीं था। उसके बाजवूद उस कंपनी को ठेका दिया गया। कमिश्नर डॉ. चौधरी ने बताया कि जांच में यह बात सामने आए कि समरथ कन्स्ट्रक्शन ने राज्य भर पीएम आवास योजना के कई काम लिए, परंतु आज तक एक भी प्रोजेक्टर पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने माना कि योजना के लिए जो प्रोसेस पूरे होने चाहिए थे, वह पूरे नहीं हुए। 

नई निविदा को मिला जोरदार प्रतिसाद 

महानगरपालिका कमिश्नर ने बताया कि महानगरपालिका प्रशासन ने नए सीरे से पीएम आवास योजना के तहत 6 हजार 80 घरों के निर्माण के लिए नई निविदा जारी की है। इस निविदा की प्री बीड बैठक सोमवार को मेरे कक्ष में हुई। इस बैठक में 10 से अधिक एजेंसी के अधिकारियों ने हाजिरी लगाई। इससे यह साफ है कि महानगरपालिका प्रशासन द्वारा नए सीरे से प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए जारी की गई निविदा को जोरदार प्रतिसाद मिला है।