इम्तियाज जलील
इम्तियाज जलील

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    औरंगाबाद : शहर के एमआईडीसी (MIDC) चिकलथाना में औद्योगिक इकाइयों (Industrial Units) के लिए आरक्षित जमीन का स्टेटस चेंज कर उसका इस्तेमाल कमर्शियल (Commercial) और रेसिडेंशियल (Residential) उद्देश्‍य के लिए इस्तेमाल कर उसमें करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार (Corruption) किया गया है। यह सारा भ्रष्टाचार राज्य के तत्कालीन उद्योग मंत्री सुभाष देसाई (Subhash Desai) और  नारायण राणे (Narayan Rane) के कार्यकाल में सबसे अधिक होने का आरोप औरंगाबाद के सांसद इम्तियाज जलील (MP Imtiaz Jaleel) ने आयोजित प्रेस वार्ता में लगाया। 

    उन्होंने बताया कि मैंने इस मामले को लेकर एमआईडीसी के मुंबई, पुणे, ठाणे, नागपुर विभाग से औद्योगिक क्षेत्र के प्लाट का इस्तेमाल अन्य कारणों को लेकर किए जाने की जानकारी एमआईडीसी के सीईओ से पत्र व्यवहार कर मांगने पर मुझे वह जानकारी देने से कन्नी काटी जा रही है। मुझे सिर्फ एमआईडीसी के औरंगाबाद विभाग से जानकारी मिली है, जिसमें यह बात सामने आए कि शहर के एमआईडीसी चिकलथाना में स्थित औद्योगिक क्षेत्र के 52 प्लाट का स्टेट्स चेंज कर कमर्शियल अथवा रेसिडेंशियल इस्तेमाल के लिए दिए गए। यह सारा खेल राज्य के तत्कालीन फडणवीस सरकार में उद्योग मंत्री रहे सुभाष देसाई के कार्यकाल में खेला गया। सांसद जलील ने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने पहले औद्योगिक इकाई के निर्माण के लिए प्लाट लिए थे, उन्होंने ही अपने प्लाट तत्कालीन उद्योग मंत्री सुभाष देसाई से सांठगांठ कर उसके स्टेट्स बदकर उसका इस्तेमाल कमर्शियल पर्पज  के लिए शुरु किया. शहर के नामचीन 52 लोगों ने एमआईडीसी में उनके नाम पर ऑलट हुए वे प्लाट पर उत्पादन बंद कर उसका  कमर्शियल उद्देश्‍य के लिए ईस्तेमाल शुरु किया। यहीं कारण है कि एमआईडीसी चिकलथाना में आज मॉल और कालोनियों का निर्माण हुआ है। 

    एक प्लाट का लेन देन 2 करोड़ में 

    सांसद जलील ने बताया कि जब 2014 से 2019 तक राज्य में बीजेपी-शिवसेना की युति सरकार थी, तब राज्य के तत्कालीन सीएम देवेंद्र फडणवीस की मंत्रि मंडल में सुभाष देसाई उद्योग मंत्री थे। उन्होंने अपने मंत्री पद का दुरुपयोग कर एमआईडीसी के प्लाटों का स्टेटस चेंज कर उसका इस्तेमाल कमर्शियल अथवा रेसिडेंसियल उद्देश्‍य के लिए किया। सांसद जलील ने आरोप लगाया कि यह सारा खेल खेलने के लिए तत्कालीन उद्योग मंत्री सुभाष देसाई के पुत्र औरंगाबाद आते थे और वे शहर के एक मशहुर बिल्डर के माध्यम से एमआईडीसी के प्लाट धारक से सांठगांठ कर औद्योगिक प्लाट का  स्टेटस चेंज करने के लिए प्रति प्लाट 2 करोड़ की राशि जमा कर मुंबई लौट जाते थे। यह सारा खेल सन 2018 में खेला गया। 

    अन्य शहरों में भी करोड़ों का घोटाला 

    सांसद जलील ने बताया कि जिस तरह औरंगाबाद के चिकलथाना एमआईडीसी के 52 प्लाटों का स्टेटस चेंज कर उसका इस्तेमाल कमर्शियल तथा रेसिडेंशियल इस्तेमाल के लिए  शुरु किया गया, उसी तरह का खेल राज्य के तत्कालीन उद्योगमंत्री सुभाष देसाई के कार्यकाल में मुंबई, ठाणे, नागपुर और पुणे एमआईडीसी क्षेत्रों में भी  खेला गया है। यह सारा खेल खेलने में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार सुभाष देसाई और नारायण राणे के कार्यकाल में होने का आरोप सांसद जलील ने लगाया। 

    राज्य सरकार से की इस घोटाले की जांच की मांग 

    एक सवाल के जवाब में सांसद जलील ने बताया कि मैंने सांसद के नाते मुंबई, ठाणे, पुणे और नागपुर एमआईडीसी में स्थित जिन प्लाटों का स्टेटस चेंज किया गया, उसकी जानकारी पत्र व्यवहार कर मांग ने पर यह जानकारी देने से मुझे कन्नी काटी जा रही है। इससे यह साफ है कि इसमें कई धांधलियां है। उन्होंने राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार से मांग की कि उनके द्वारा उजागर किए गए। इस भ्रष्टाचार की एसआईटी से जांच करवायें। ताकि, इस सारे मामले की पोल खुलकर भ्रष्टाचारी जेल में जाए। प्रेस वार्ता में एमआईएम नेता शाहरेख नक्शबंदी, अब्दुल समीर आदि उपस्थित थे।