
औरंगाबाद. महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड (Maharashtra Wakf Board) में जारी फर्जी एनओसी (Fake NOC) देनेवाले रैकट का भंड़ाफोड सांसद जलील ने किया है। निजी वकील, वक्फ बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारियों ने आम नागरिकों को वक्फ बोर्ड के जमीन की फर्जी एनओसी देने का धंधा बड़े पैमाने पर वक्फ बोर्ड कार्यालय (Waqf Board Office) में जारी है। यह आरोप औरंगाबाद सांसद इम्तियाज जलील (MP Imtiaz Jalil) ने आयोजित पत्रकार परिषद में लगाया।
उन्होंने बताया कि वक्फ बोर्ड ने खुद 27 नवंबर 2020 को सूचना के अधिकार के अंतर्गत दिए हुए पत्र में माना कि मुंबई के निकट स्थित बदलापुर जामा मस्जिद ट्रस्ट की जमीन के लिए जो एनओसी प्रमाण पत्र जारी किया गया है, वह फर्जी और नकली है। इसके बावजूद आज तक इस मामले पर राज्य वक्फ बोर्ड ने किसी प्रकार की कार्रवाई न करने को लेकर सांसद जलील ने कई सवाल उपस्थित किए। इस मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि ठाणे जिले के अंबरनाथ तहसील के बदलापुर में स्थित जामा मस्जिद ट्रस्ट की सर्व नंबर 148/1, 243/5, 243/4, 36/44, तथा चामटोली के सर्व क्र. 59/3 में स्थित वक्फ बोर्ड की जमीन ट्रस्टियों ने डॉ. कृष्णा निमसाखरे को एक करोड़ में बेची। डॉक्टर उस जमीन पर भव्य अस्पताल शुरु करना था। इसलिए उन्होंने जामा मस्जिद ट्रस्ट से वह जमीन खरीदी थी।
वक्फ बोर्ड के एनओसी की जरुरत थी
इस जमीन पर निर्माण कार्य के लिए डॉ. निमसाखरे को वक्फ बोर्ड के एनओसी की जरुरत थी। इसके लिए वे ट्रस्टी व बोर्ड के औरंगाबाद में स्थित मुख्यालय में चक्कर काट रहे थे। तब उनकी मुलाकात बोर्ड में काम करनेवाले उस्मानाबाद के एक वकील से हुई। उस वकील ने एनओसी के लिए पहले 15 लाख रुपए मांगे, फिर 9 लाख रुपए में सौदा किया। इस सौदे के बाद डॉ. कृष्णा निमसाखरे ने 9 लाख रुपए उस वकील के खाते में जमा किए। रकम मिलने पर उस वकील ने बोर्ड के अधिकारियों से सांठगांठ कर फर्जी एनओसी प्रमाण पत्र डॉ. निमसाखरे को सौंपा। जब उन्होंने ने इस मामले से जांच की तो उन्हें पता चला कि बोर्ड द्वारा जारी की गई एनओसी फर्जी व नकली है। तब डॉ. निमसाखरे ने इसकी शिकायत राज्य के वक्फ मंत्री नवाब मलिक से की। मंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लेकर जांच करने का आश्वासन दिया है। सांसद जलील ने राज्य वक्फ बोर्ड के फर्जी सिक्का, लेटर पैड, एनओसी देने में शामिल सभी अधिकारियों पर मामले दर्ज करने की मांग पुलिस प्रशासन से की है। सांसद जलील ने बताया कि उक्त वक्फ जमीन से नेशनल हाईवे का मार्ग जाने के कारण उसके लिए कुछ जमीन संपादित की गई। उसका मुआवजा वक्फ बोर्ड को मिलना चाहिए था, लेकिन वह पैसा भी बदलापुर जामा मस्जिद के ट्रस्टियों ने हड़पने का आरोप जलील ने लगाया।