Aurangabad municipal commissioner Astik Kumar Pandey

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    औरंगाबाद. शहर को पेयजल आपूर्ति करनेवाले जायकवाडी बांध (Jayakwadi Dam) में पानी का स्टॉक बड़े पैमाने पर होने के बावजूद औरंगाबाद (Aurangabad) वासियों को 4 से 6 दिन के अंतराल पर पानी मिल रहा है। विविध संगठनाओं (Various Organizations), राजनीतिक दलों (Political Parties) द्वारा एक दिन का अंतर देकर पेयजल आपूर्ति (Supply Drinking Water) करने का नियोजन करने की मांग बीते कई सालों से जारी है। इस मांग पर आज तक प्रशासन द्वारा कोई पहल नहीं की गई थी। महानगरपालिका आयुक्त (Municipal Commissioner) आस्तिक कुमार पांडेय  (Astik Kumar Pandey) ने शहर को पेयजल आपूर्ति में बढ़ोत्तरी के लिए प्रयास तेज कर दिए है। 

    महानगरपालिका प्रशासन ने हाल ही में जायकवाडी से शहर तक वर्तमान पेयजल आपूर्ति योजना से मिलने वाले पानी का ऑडिट किया है साथ ही किए गए ऑडिट के बाद अब आपूर्ति में 20 एमएलडी पानी की बढ़ोत्तरी करने के दृष्टि से जल्द ही महानगरपालिका और  जीवन प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आयुक्त पांडेय बैठक करेंगे। महानगरपालिका सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में औरंगाबाद शहर को जायकवाडी बांध से 700 और 1200 एमएलडी व्यास के पाईप लाईन से पेयजल आपूर्ति जारी है। यह दोनों पाईप लाईन काफी पुरानी होने से अधिक पानी लाना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। अधिक पानी लाने पर पाईप लाईन बार-बार फुटने की समस्याएं निर्माण होती है। जिससे लाखों लीटर पानी का नुकसान होता है।

    उधर, शहरवासी को एक दिन का अंतर देकर पेयजल आपूर्ति करने के लिए पुरानी पाईप लाईन की बेहतर  रुप से मरम्मत कर 20 एमएलडी पानी की आपूर्ति बढ़ाने की सूचना जिले के पालकमंत्री सुभाष देसाई ने बीते दिनों महानगरपालिका आयुक्त पांडेय से की थी। उस सूचना के बाद पांडेय ने महानगरपालिका व महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। बैठक में जीवन प्राधिकरण के अधिकारियों से वर्तमान में शहर को मिलनेवाले पानी का ऑडिट करने की सलाह दी थी। इस सलाह पर जायकवाडी बांध से शहर तक आनेवाले पानी का ऑडिट किया गया। इस ऑडिट पर जल्द ही दूसरी  बैठक आयोजित कर प्रशासन द्वारा शहर वासियों को 20 एमएलडी पानी के बढ़ोत्तरी के लिए प्रयास किए जाएंगे। विशेषज्ञों की राय जानकर अधिक नियोजन किया जाएगा। प्रशासन 20 एमएलडी पानी बढ़ाने में कामयाब हुआ तो शहरवासियों को दो दिन का अंतर देकर पानी मिलने की आशंका जतायी जा रही है।