Lockdown helpline Headache for officers made strange request in UP
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    औरंगाबाद : शहर में बीते एक सप्ताह में अचानक कोरोना मरीजों (Corona Patients) की संख्या में इजाफा हो रहा है। नागरिकों (Citizen) को कोरोना विषयक विविध जानकारी देने के लिए विविध हेल्पलाइन (HelpLine) वॉर रूम (War Room) के माध्यम से शुरु किए गए है। इस हेल्पलाइन के माध्यम से नागरिक होम आयसोलेशन (Home Isolation) वाले मरीजों को कुछ लक्षण दिखाए देने पर अस्पताल में शिफ्ट करते समय एम्बुलेंस मंगाना। टीकाकरण केंद्र, स्वैब टेस्टिंग स्थान, मरीजों  को कुछ मानसिक तकलीफ होने पर उसकी राहत के लिए विविध हेल्पलाइन वॉर  रुम से शुरु किए गए है।

    महानगरपालिका ने पूरे सप्ताह 24 घंटों के लिए जनरल हेल्पलाइन के लिए 8956306007, होम आयसोलेशन मरीज को कुछ लक्षण दिखाए देने पर प्रशिक्षित डॉक्टरों का सलाह प्राप्त करने के लिए रात 10 से दूसरे दिन अपरान्ह 12 बजे तक 9168647837 इस मोबाइल क्रमांक पर संपर्क करें। दोपहर 12 से रात 10 बजे तक 9168647839 पर संपर्क करें। मनोमित्र कक्ष सुबह 8 से रात 8 बजे तक कार्यरत रहेंगा, उसके लिए मोबाइल क्रमांक 7030912109  पर संपर्क करें। एम्बुलेंस सेवा के लिए हेल्पलाइन नंबर 9168631325 पर संपर्क करें। बेड की उपलब्धता के लिए हेल्पलाइन नंबर 9168631332 पर संपर्क करें। महानगरपालिका प्रशासन ने बताया कि उपरोक्त सभी हेल्पलाइन एमएच एप पर भी आगामी दो से तीन दिन में उपलब्ध होंगे।

    मरीजों की संख्या कई गुना बढ़ने के आसार 

    उधर, सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए महानगरपालिका कमिश्नर आस्तिक कुमार पांडेय ने बताया कि आगामी एक पखवाड़ा प्रशासन को काफी सतर्क रहेगा। क्योंकि, आगामी एक पखवाडे में मरीजों की संख्या कई गुना बढ़ने के आसार है। प्रशासन उसकी रोकथाम के लिए हर संभव प्रयासों में जूटा है। एक सवाल के जवाब में कमिश्नर ने बताया कि कोरोना से पीड़ित जिन मरीजों के पास होम आयसोलेशन की सुविधा नहीं हैं, उन्हें मेल्ट्रान अस्पताल में भरती किया जा रहा है। मरीजों के लिए दवाईयां खरीदने का अधिकार जिला प्रशासन को दिया गया है। महानगरपालिका प्रशासन जरुरत के अनुसार जिला प्रशासन से दवाईयां लेगा। वहीं, भीड़ की रोकथाम के लिए महानगरपालिका प्रशासन द्वारा 35 उड़न दस्तों का गठन किया गया है। जिन इलाकों में विवाह समारोह हो रहे है, वहां की शूटिंग की जाएगी। जो वाहन धारक मास्क नहीं पहन रहा है, उसकी फोटो खिंचकर आरटीओ कार्यालय  को भेजी  जा रही है। उन लोगों को भविष्य में वाहन बेचते समय काफी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।