गैस से बिजली तैयार करने की दिशा में महानगरपालिका की बड़ी पहल, उपायुक्त सौरभ जोशी ने बताया ये प्लान

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    औरंगाबाद : आए दिन ऐतिहासिक औरंगाबाद शहर (Aurangabad City) का विस्तार (Expand) हो रहा है। शहर के होटल (Hotel) से निकलने वाला वेस्टेज (Wastage) और एनिमल वेस्ट (Animal Waste) से बायोगैस (Biogas) तैयार करने का प्रकल्प (Project) कार्यान्वित किया गया है। इस बायोगैस प्रकल्प (Biogas Project) से बिजली (Electricity) निर्मिती करने के लिए महानगरपालिका प्रशासन महावितरण से करार करने के लिए प्रयासरत है। यह जानकारी महानगरपालिका के उपायुक्त सौरभ जोशी ने दी। 

    उन्होंने बताया कि जल्द ही इस बारे में महावितरण कंपनी से चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा। जोशी ने बताया कि महानगरपालिका द्वारा कांचनवाडी में निर्माण किए गए कचरा प्रक्रिया प्रकल्प से तैयार होने वाले गैस से बिजली निर्मिती करने का विचार जारी है। इसको लेकर जल्द ही महावितरण से चर्चा की जाएगी। यहां से निर्मित होने वाली बिजली महावितरण को दी जाएगी। बदले में जितनी बिजली तैयार होगी, उससे महानगरपालिका की बिजली बिल की रकम कम होगी। वैसा करार महावितरण के साथ किया जाएगा। यह प्रकल्प पूरी क्षमता से कार्यान्वित होने के बाद वहां तैयार होने वाली गैस से कितनी बिजली तैयार होगी, इसका टेस्ट लिया जाएगा।

    हर दिन 300 मेट्रिक टन कचरे पर प्रक्रिया की जा रही है

    सारी बातों को जांचने के बाद बिजली निर्मिती करने  के बारे में निर्णय लिया जाएगा। गौरतलब हो कि महानगरपालिका ने 148 करोड़ रुपए के घनकचरा व्यवस्थापन डीपीआर अंतर्गत शहर के चिकलथाना, पडेगांव, हर्सूल और कांचनवाडी में कचरा प्रक्रिया प्रकल्पों का निर्माण करने का नियोजन किया था। उसके अनुसार चिकलथाना और पडेगांव में प्रति 150 मेट्रिक टन क्षमता के दो प्रकल्प निर्माण किए  गए है। यह प्रकल्प कार्यान्वित होकर भी दोनों स्थानों पर मायोवेल्स कंपनी की ओर से हर दिन 300 मेट्रिक टन कचरे पर प्रक्रिया की जा रही है।

    वहीं, बैकों कंपनी के माध्यम से कांचनवाडी में प्रति दिन 30 मेट्रिक टन गिले कचरे पर प्रक्रिया करनेवाला प्रकल्प हाल ही में कार्यान्वित हुआ है। एनिमल वेस्ट और होटल वेस्ट सहित विविध प्रकार के गिले कचरे से इस प्रकल्प से बायोगैस तैयार की जा रही है। वर्तमान यह प्रकल्प पूरी क्षमता के साथ कार्यान्वित होने की जानकारी उपायुक्त सौरभ जोशी ने दी।