सातवें वेतन आयोग के लिए विश्वविद्यालयों और सहायता प्राप्त कॉलेजों के गैर-शिक्षण कर्मचारी आक्रामक

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    औरंगाबाद : महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने राज्य के 40 से अधिक विभाग के कर्मचारियों (Employees) को 7वां वेतन (7th Pay) आयोग लागू किया हैं। परंतु राज्य में स्थित 13 विश्वविद्यालय (University) और अनुदानित महाविद्यालय (Aided Colleges) में कार्यरत गैर-शिक्षण कर्मचारियों (Non-Teaching Employees) को 7वां वेतन लागू नहीं किया गया। इसके खिलाफ स्थानीय डॉ. बाबासाहाब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यलाय के शिक्षकेतर कर्मचारियों ने गुरुवार से सांकेतिक अनशन शुरु किया। 

    आंदोलनकारियों से विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के उपाध्यक्ष डॉ. कैलास पाथ्रीकर के उपकुलसचिव दिलीप भरड, प्रकाश आकडे, नारायण पवार, रवि भिंगारे ने मुलाकात कर मार्गदर्शन किया। तब सभी कर्मचारियों ने 20 फरवरी से बेमियादी आंदोलन करने का निर्धार किया गया। 

    इन मांगों को लेकर शुरु किया गया आंदोलन 

    सेवा अंतर्गत सुधारित आश्वासित प्रगति योजना का रद्द किया हुआ सरकार निर्णय पुनर्जिवित कर सुधारित सेवा अंतर्गत आश्वासित प्रगति योजना पूर्ववत लागू करना, 7वां वेतन आयोग के प्रावधान के अनुसार 10, 20 से 30 साल के बाद के लाभ की योजना विश्वविद्यालय और महाविद्यालयीन शिक्षकेतर कर्मचारियों को लागू करना, 7वां वेतन आयोग से वंचित 1 हजार 410 शिक्षकेतर कर्मचारियों को 7वां वेतन आयोग लागू कर विश्वविद्यालय और शिक्षकेतर कर्मचारियों को जनवरी 2016 प्रत्यक्ष रुप से 7वां वेतन आयोग लागू हुआ, उस समयावधि के वेतन के अंतर की बकाया जमा करना, विश्वविद्यालय और कॉलेज में रिक्त शिक्षकेतर कर्मचारियों के रिक्त पदों को तत्काल भरने को मान्यता देना, 2005 के बाद सेवा में जॉइन हुए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना लागू करना, विश्वविद्यालय के शिक्षकेतर कर्मचारियों को छठा वेतन आयोग की वेतनश्रेणी तय समजकर उसके आधार पर 7वां वेतन आयोग की वेतन श्रेणी लागू करना इन मांगों के अलावा अन्य मांगों के लिए आंदोलन शुरु किया गया है। इसके तहत प्रथम चरण में विश्वविद्यालय के परीक्षा पर बहिष्कार डालकर परीक्षा का काम बंद आंदोलन की शुरुआत की गई। 

    कुलगुरु ने आंदोलनकारियों से चर्चा की

    बामू विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने शुरु किए आंदोलन को कुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले ने भेंट देकर कर्मचारियों से उनकी मांगों पर चर्चा की। उनके साथ प्र. कुलगुरु डॉ. शाम सिरसाठ, कुलसचिव डॉ. भगवान साखले, अधिष्ठाता डॉ. भालचन्द्र वायरक, डॉ. वाल्मिक सरवदे उपस्थित थे। चर्चा के बाद कुलगुरु डॉ. येवले ने कहा कि शिक्षकेतर कर्मचारियों के प्रशन जल्द ही हल होंगे। क्योंकि, राज्य सरकार भी सकारात्मक है, मैं भी कुलगुरु के नाते राज्य सरकार से शिक्षकेतर कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के लिए प्रयास करने का आश्वासन डॉ. येवले ने दिया।