केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का जन आक्रोश आंदोलन

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    औरंगाबाद : देश में आए दिन बढ़ती बेरोजगारी (Unemployment) और महंगाई (Inflation), महिलाओं पर जारी अत्याचार, किसानों (Farmers) के प्रशनों को हल करने में अनदेखी, छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान, सभी स्थानीय निकाय के चुनाव जानबूझकर टालना आदि के खिलाफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) के औरंगाबाद जिला और शहर इकाई की ओर से बुधवार को जिला अधिकारी कार्यालय के सामने जोरदार जन आक्रोश आंदोलन (Jan Aakrosh Protest) किया गया। आंदोलन का नेतृत्व पार्टी के मराठवाड़ा संपर्क प्रमुख जयसिंगराव गायकवाड, जिला अध्यक्ष कैलास पाटिल, शहर अध्यक्ष खाजा शरफोद्यीन उर्फ मुल्ला, किशोर पाटिल, एकनाथ गवली, मुश्ताक अहमद, संतोष माने, शिवाजी बनकर ने किया। 

    आंदोलन के दरमियान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आंदोलन में महिलाओं ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। आंदोलन में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं ने पचास खोके एकदम ओके लिखे हुए टी शर्ट पहने हुए थे।  जो आंदोलन को सबसे अधिक आकर्षित कर रहे थे। आंदोलन के दरमियान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पदाधिकारियों ने कलेक्टर के माध्यम से राज्य के मुख्यमंंत्री एकनाथ शिंदे के नाम एक ज्ञापन सौंपकर कई मांगें पेश की। 

    इन मांगों को लेकर किया गया आंदोलन 

    किसानों को फसल बीमा मुआवजा अपेक्षा के अनुसार नहीं मिल रहा है। फसल बीमा कंपनियां किसानों के हितों का विचार न करते हुए खुद के कंपनी का फायदा हो, इसलिए किसानों को मुआवजा न देने का आरोप ज्ञापन में लगाया गया। किसानों की बिजली आपूर्ति खंडित न करते हुए तत्काल बिजली बिल माफ कर किसानों को नियमित बिजली आपूर्ति करना। पशुधन वाले मवेशियों पर लंपी बीमारी के टीके नहीं लगाए जा रहे है, वह तत्काल लगाने के साथ ही लंपी बीमारी से मारे गए मवेशियों का मुआवजा किसानों को तत्काल देना। राज्य सरकार के मंत्री अब्दुल सत्तार ने सांसद सुप्रिया सुले के खिलाफ जिन अपशब्दों को इस्तेमाल किया, इसलिए उन्हें तत्काल मंत्रिमंडल से हटाना। महाराष्ट्र में हर दिन महिला, लड़कियों पर अत्याचार जारी है, उस पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाना। बिलकिस बानो मामले में आरोपियों को गुजरात सरकार ने रिहा करने के जो निर्णय लिया उसका निषेध आंदोलन के दरमियान किया गया।  बेरोजगार युवकों को रोजगार न मिलने से आए दिन युवा निराश होकर आत्महत्याएं कर रहे है, इस पर रोक लगाने के लिए सरकार ने अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना आदि मांगे सीएम एकनाथ शिंदे के नाम भेजे गए ज्ञापन में की गई। 

    जन विरोधी है केंद्र की मोदी सरकार

    पूर्व मंत्री जयसिंगराव गायकवाड ने अपने भाषण में कहा कि हम भी सालों से राजनीति में है, पर हमने निचले स्तर की राजनीति नहीं की। बीजेपी के मंत्री अपने अकल की तारे तोड़कर निचले शब्दों का इस्तेमाल कर रहे है। उन्होंने राज्य के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार पर निशाना साधते हुए उनके धंधों की पोल खोली।  शहर अध्यक्ष खाजा शरफोद्यीन अपने भाषण में केंद्र सरकार को जन विरोधी बताते हुए मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जबसे केंद्र में मोदी सरकार ने सत्ता संभाली है, तब से महंगाई और बेरोजगार का बोलबाला है। केंद्र सरकार की गलत नीतियों से देश की जनता त्रस्त हो चुकी है। 

    आंदोलन में पूर्व विधायक संजय वाघचौरे, विकास दांडगे, अजीत पाटिल, शेख शोकर, पांडुरंग तांगडे पाटिल, विठठल जाधव, राजेश पवार, सुरेश बनसोड, कयुम शेख, जलील खान, अहमद अली, अहमद पटल, महिला आघाड़ी की राष्ट्रीय सचिव विणा खरे, जिल अध्यक्ष छाया जंगले, मेहराज पटेल, प्रतिभा वैद्य, अंकिता विधाते, धनश्री तडवलकर, सुभद्रा जाधव, मंजुषा पवार, मोतिलाल जगताप, संजीवन घोडके, निशांत पवार गणेश काले, संदिप घोडके, चन्द्रकांत पेहरकर, योगेश हेकाडे, अर्जुन सोनवने, किशोर लोखंडे, सलमा बेगम, पुष्पा गायकवाड राहुल डकले, अतुल गावंडे आदि ने हिस्सा लिया।