औरंगाबाद : स्थानीय महानगरपालिका (Local Municipal Corporation) की ओर से गुंठेवारी परिसर (Gunthewari Complex) के संपत्तियों को रेगुलाईज करने के लिए रेडिरेकनर दाम के अनुसार कर वसूला जा रहा है। कर की राशि काफी अधिक है। जिससे आम आदमी को उक्त कर की राशि अदा करने में काफी दिक्कते आ रही है। इसलिए गुंठेवारी परिसर के लोग अपने घरों को रेगुलाईज करने आगे नहीं आ पा रहे है। इसलिए गुंठेवारी कर के दाम कम करने की मांग शहर कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों ने शहराध्यक्ष हिशाम उस्मानी, पूर्व मंत्री अनिल पटेल, इकबाल सिंह के नेतृत्व में पालकमंत्री सुभाष देसाई से मुलाकात कर एक ज्ञापन देकर की।
ज्ञापन में कांग्रेसियों ने बताया कि राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने गुंठेवारी कानून लागू करने के बाद औसत 120 रुपए प्रति स्क्वायर मीटर दाम लागू किया था। वर्तमान में महानगरपालिका प्रशासन द्वारा परिसर के रेडिरेकनर दाम के अनुसार गुंठेवारी के संपत्ति धारकों से कर वसूला जा रहा है। पुराने कर की कुल राशि में 5 से 10 प्रतिशत वृध्दि हुई है। ऐसे में इस योजना का लाभ आम आदमी को उठाना काफी मुश्किल हो रहा है। कांग्रेसियों ने बताया कि बीते दो साल से लोग कोरोना महामारी में जारी लॉकडाउन से परेशान है। आम आदमी की आर्थिक स्थिति पूरी तरह बिगड़ी हुई है। कमजोर आर्थिक स्थिति में रेडिरेकनर के अनुसार गुंठेवारी परिसर के संपत्तियों को रेगुलाईज करने के बजाए पुराने पध्दति से कर वसूलने की मांग कांग्रेसियों ने की।
लेबर कॉलोनी के निवासियों को तत्काल पर्यायी जमीन दी जाए
लेबर कॉलोनी परिसर के इमारतों को जिला प्रशासन द्वारा हटाने का जो निर्णय लिया गया, उस निर्णय से पूर्व सालों से लेबर कालोनी में रह रहे लोगों को अन्य स्थान पर पर्याय जमीन तत्काल उपलब्ध कराकर देकर उस परिसर के नागरिकों को राहत देने की मांग भी कांग्रेसियों ने की। लेबर कालोनी के जमीन पर सरकारी कार्यालय, अधिकारी और कर्मचारियों के लिए क्वार्टर बनाए जाए। यह जमीन किसी भी निजी बिल्डर को लीज पर न देने की मांग कांग्रेस ने की। कांग्रेस ने चेताया कि यह जमीन निजी बिल्डर को लीज पर दी गई तो कांग्रेस की ओर से कड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।