औरंगाबाद: राज्य सरकार ने मराठी भाषा संवर्धन और विकास के लिए जो परिपत्रक जारी किया है, उसका भाजपा (BJP)स्वागत करती है, लेकिन व्यापारियों को तकलीफ देनेवाली भूमिका शिवसेना (Shiv Sena) सालों से लेती आई है। आम नागरिक, व्यापारी, कोरोना महामारी के भयंकर स्थिति में आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। इस गंभीर कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के काल में शिवसेना जनता में दहशत निर्माण करते हुए व्यापारियों को डरा रही है। शिवसेना का मराठी प्रेम एक दिखावा है। यह आरोप भाजपा के शहराध्यक्ष संजय केणेकर (Sanjay Kenekar) ने यहां लगाया।
बता दें कि दो दिन पूर्व शिवसेना नेता राजू वैद्य ने शहर के व्यापारियों को चेताया था कि वे तत्काल अपने व्यापारी प्रतिष्ठान पर मराठी में बोर्ड लगाएं। व्यापारियों ने इसकी पहल नहीं की तो शिवसेना स्टाइल में व्यापारी प्रतिष्ठान पर बोर्ड लगाए जाएंगे। शिवसेना के इस धमकी से व्यापारियों में नाराजगी फैली है। इसी दौरान भाजपा शहराध्यक्ष संजय केणेकर ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर शिवसेना द्वारा व्यापारियों को दी गई चेतावनी पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि मराठी भाषा का प्रेम दिखाने के लिए व्यापारियों को धमकी देकर परेशान किया जा रहा है। शिवसेना ने व्यापारियों को डराया तो भाजपा देगी करारा जवाब देगी।
व्यापारियों को परेशान ना करें शिवसेना
भाजपा शहराध्यक्ष केणेकर ने शिवसेना को चेताया कि वे मराठी भाषा से बहुत प्रेम होने का दिखावा कर शहर के व्यापारियों को परेशान ना करें। वरना, हम सड़क पर उतरकर शिवसेना की दहशत का खुलकर विरोध करेंगे। केणेकर ने कहा कि राज्य के मराठी स्कूल बचने चाहिए। इसके लिए राज्य सरकार ने प्रयास करने के साथ ही स्कूलों के बकाया अनुदान से शिक्षकों का वेतन अदा होना, शिक्षक भर्ती होना जरुरी है। इन पर तत्काल निर्णय लेने की जरुरत है। ऐसे निर्णय लेने के बजाए राज्य में सत्तासीन शिवसेना तमाशा बाजी कर रही है। वर्तमान में शहर में पानी का प्रश्न, महानगरपालिका के स्कूलों की खस्ताहाल स्थिति, मराठी माध्यम में छात्रों को शिक्षा दे रहे शिक्षकों को मामूली वेतन इन प्रश्नों को हल करने के बजाए व्यापारियों को मराठी बोर्ड लगाने के लिए धमकाना यह सिर्फ एक नाटक है। केणेकर ने कहा कि जब भी शिवसेना व्यापारियों पर मराठी बोर्ड लगाने के लिए दबाव डालेंगी, भाजपा सड़क पर उतरकर उसका करारा जवाब देगी।