औरंगाबाद : आज विश्व में हिंदुस्थान सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। चीन से अधिक हमारे देश में जनसंख्या होने के बावजूद यहां अवसर भी अधिक है। नए चैलेंजेंस के सामने नए शिक्षा नीति (Education Policy) भी काफी कारगर साबित होगी। इसमें आधुनिक ज्ञान बचपन से ही मातृभाषा (Mother Tongue) में दे सकते क्या? इस पर अधिक फोकस किया गया है। बचपन की शिक्षा यह काफी महत्वपूर्ण है। उसी उम्र में सहीं संस्कार मिलने पर ही देश के हर व्यक्ति का जीवन उंचा हो सकता। क्योंकि, शिक्षा संस्कार की देन है। यह प्रतिपादन सुपर कम्प्यूटर के जनक और नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति पद्म भूषण डॉ. विजय भटकर (Vice Chancellor Padma Bhushan Dr. Vijay Bhatkar) ने यहां किया।
डॉ. बाबासाहाब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय का 62वां दीक्षांत समारोह महाराष्ट्र केगवर्नर भगत सिंह कोश्यारी की अध्यक्षता में और डॉ. विजय भटकर के प्रमुख अतिथि में संपन्न हुआ। समारोह में केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और राज्यसभा सांसद शरद पवार को डी लिट डिग्री से सम्मानित किया गया। उसके बाद अपने विचार में विजय भटकर ने यह बात कही। मंच पर कुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले, प्रकुलगुरु प्रो. शाम सिरसाठ, कुलसचिव प्रो. भगवान साखले, व्यवस्थापन परिषद के सदस्य, परीक्षा और मूल्यमापन मंडल के संचालक डॉ. गणेश मंझा उपस्थित थे। अपने विचार में डॉ. भटकर ने देश में उच्च शिक्षा का स्तर बढ़ने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आज हमारे देश में उच्च शिक्षा का बोलबाला है। यहीं कारण है कि देश के विस्तार के साथ-साथ उच्च शिक्षा का स्तर बढ़ रहा है। आज हमारे देश में 1 हजार विश्वविद्यालय कार्यरत है। नए शिक्षा निति में उच्च शिक्षा मातृभाषा में देने पर अधिक जोर है। आज हम सब अग्रेंजी को प्राथमिकता दे रहे है। जब मैंने सुपर कम्प्यूटर का निर्माण किया था, तब मातृभाषा में हम कम्प्यूटर पर काम कर पाएंगे या नहीं,? मैं यह विचार करता था। परंतु, आज कम्प्यूटर पर कई काम मातृभाषा में हो रहे है। नई शिक्षा निति में प्रयास है कि सभी उच्च शिक्षा मातृभाषा में दे? उसके लिए बचपन से ही मातृभाषा पर अधिक जोर देने की जरुरत है। आज की पीढी अंग्रेजी को अधिक प्राथमिकता दे रही है। नई शिक्षा नीति में नए नए चैलेंजेस भी बहुत है।
डी लिट डिग्री से ज्यादा गडकरी और पवार का देश के लिए योगदान
इस अवसर पर अध्यक्षीय भाषण में राज्य के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और शरद पवार ने राष्ट्र के लिए जो योगदान दिया है, वह डी लिट डिग्री से कई अधिक है। शरद पवार ने खेती और गन्ना, चीनी पर अभूतपूर्व काम किया है। गडकरी तो पूरे देश में ऐसी सड़कें बना रहे है, जिससे नई-नई वाहनों का उत्पादन करने वाली कंपनियां भी आश्चर्यचकित है। जहां देखों वहा सड़कों का निर्माण गडकरी बदौलत पूरे देश में हो रहा है। इसलिए गडकरी को आज कल रोडकरी भी कहां जा रहा है। मैं जब पड़ता था, तब हमें सबसे पसंदीदा नेताओं के बारे में पूछा जाता था, तब हम महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस आदि के नाम लेते थे। आज अगर किसी ने पसंदीदा नाम पूछा तो आज के छात्र शरद पवार और नितिन गडकरी का नाम लेंगे। कोश्यारी ने कहा कि शिवाजी महाराज पुराने जमाने के हिरो थे, जबकि पवार और गडकरी आज के युग हिरो है। दोनों विजनरी है। गडकरी का विजन तो बहुत तय शुदा रहता है। वह जो तय करते है, वह पूरा करते है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हर घर शौचालय और हर व्यक्ति का बैंक में खाता हो, इसको लेकर किए गए संकल्प की प्रशंसा कर उन्होंने डिग्री पाए छात्रों से अपील की कि वे तय संकल्प पर काम करें। तब जाकर सफलता आपके कदम चूमेंगी।
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाडा विद्यापीठाच्या वतीने आयोजित ६२व्या दीक्षांत सोहळ्यात आज डी.लिट पदवीने सन्मानित करण्यात आले. या वेळी राज्यपाल व कुलपती मा. श्री @BSKoshyari जी, ज्येष्ठ नेते श्री @PawarSpeaks जी, नालंदा विद्यापीठाचे कुलपती पद्मभूषण डॉ. श्री विजय भटकर जी,… pic.twitter.com/n7AqoPOemg
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) November 19, 2022
अन्नदाता के साथ किसान ऊर्जा दाता होंगे तो आत्महत्याएं रुकेंगी: केंद्रीय मंत्री गडकरी
मराठवाड़ा क्षेत्र खेती बहुल इलाका है। इस परिसर की खेती का भविष्य कैसे उज्जवल हो सकता, इसके लिए आज से प्रयास होने की जरुरत है। इसलिए यहां का किसान अन्नदाता के साथ ही उर्जा दाता भी होना चाहिए। तब जाकर ही किसानों का जीवन समृद्ध होकर आत्महत्याएं रुकेंगी। यह प्रतिपादन केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यहां किया। बामू विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में नितिन गडकरी को डी लिट डिग्री से सम्मानित किया गया। उसके बाद अपने भाषण में उन्होंने कहा कि मराठवाड़ा बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है। औरंगाबाद से सटे जालना में ड्रायपोर्ट के चलते इस परिसर का और अधिक विकास होगा। इस ड्रायपोर्ट के चलते यहां औद्योगिक सहित कृषि माल विश्व के किसी भी स्थान पर भेजना आसान होगा। जिससे यहां के किसानों का उत्पन्न बढ़कर वह आर्थिक रुप से समृद्ध होगा। बामू विश्वविद्यालय ने भी इस दृष्टि से कड़े कदम उठाकर ड्रायपोर्ट संबंधित कुछ पाठयक्रम शुरु करने चाहिए। ताकि, इसका फायदा बेरोजगार युवकों को रोजगार के रुप में बड़े पैमाने पर हो सके।
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाडा विद्यापीठाच्यावतीने माझा सन्मान करण्यात आला याबद्दल मी अत:करणापासून विद्यापीठाचे आभारी आहे. हे विद्यापीठ महाराष्ट्रातील ऐतिहासिक विद्यापीठ आहे. मला त्याच्या निर्मितीपासूनचा सर्व कालखंड आठवतो. pic.twitter.com/W905pZmSe5
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) November 19, 2022
विश्वविद्यालय एक पॉवर नॉलेज है
डी लीट डिग्री से सम्मानित होने के बाद अपने विचार में केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि विश्वविद्यालय एक तरह का नॉलेज पॉवर सेंटर है। इसलिए विश्वविद्यालय प्रदेश के अनुसार संशोधन करने पर जोर देने की जरुरत है। मराठवाड़ा सुखी समृद्ध और संपन्न होने के पिछे विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों की बड़ी भूमिका है। इस परिसर का सामाजिक, आथिक परिर्वतन करते हुए और शिक्षा में गुणात्मक परिवर्तन होने के लिए क्या करना चाहिए। इसका विश्वविद्यालय की ओर से विचार होना जरुरी है।
डी लिट यह टर्मिनल डिग्री
गडकरी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में डी लिट यह सबसे उंची डिग्री है। उसके बाद कोई भी डिग्री बाकी नहीं रहती है। भारत रत्न डॉ. बाबासाहाब आंबेडकर के नाम से पहचाने जानेवाले विश्वविद्यालय की ओर यह डिग्री आज मुझे मिली है। यह मेरे लिए बहुत गर्व की बात है।