Nana Patole
नाना पटोले (फाइल फोटो)

    Loading

    औरंगाबाद : बारिश का मौसम में जिन इलाकों में अतिवृष्टि (Excessive Rain) होकर किसानों (Farmers) का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था, तब राज्य की तत्कालीन महा विकास आघाड़ी सरकार (Maha Vikas Aghadi Government) ने हर किसान को तत्काल 15 हजार रुपए की मदद की थी। परंतु, यह मदद काफी कम होने का ढिंढोरा वर्तमान में सत्तासीन बीजेपी (BJP) ने पीटकर हंगामा खड़ा किया था। राज्य की वर्तमान शिंदे-फडणवीस सरकार (Shinde-Fadnavis Government) ने अतिवृष्टि से नुकसान को लेकर सिर्फ 13 हजार रुपए सहायता देने की घोषणा की है। यह निर्णय किसानों को खुले आम फंसाकर मदद (Help) के नाम पर लॉलीपॉप (Lollipop) दिखाने का काम राज्य की वर्तमान शिंदे-फडणवीस सरकार ने किया है। यह आरोप कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले (Nana Patole) ने यहां लगाया। 

    आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में राज्य भर कांग्रेस की ओर से 9 से 15 अगस्त के दरमियान आजादी गौरव पदयात्रा का आयोजन किया गया है।  औरंगाबाद में निकाली जा रही पदयात्रा में शामिल होने के लिए पटोले का औरंगाबाद आगमन हुआ था। तब उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार पर जमकर निशाना साधा। पटोले ने कहा कि अतिवृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने घोषित की मदद राहत देने वाली नहीं है। बल्कि, यह मदद उंट के मुंह में जिरा है। एनडीआरएफ के निकष पुराने है। ऐसे में दुगुना नहीं, बल्कि उससे अधिक मदद अतिवृष्टि से नुकसान हुए किसानों को देने की जरुरत है। राज्य सरकार ने किसानों के लिए मदद घोषित कर किसानों के मुंह पर एक तमाचा मारा और मजाक किया है।  

    किसानों को भारी मदद न करने पर मानसून सत्र नहीं चलने दिया जाएगा

    उन्होंने राज्य सरकार को चेताया कि वे समय रहत भारी बारिश से आहत हुए प्रभावित किसानों और लोगों को पर्याप्त मदद दे। वरना, जल्द होने वाले मानसून सत्र में हंगामा खड़ा कर अधिवेशन चलने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने भारी बारिश से हुए नुकसान के मुआवजे के रुप में प्रति हेक्टेयर 75 हजार रुपए मदद देने की मांग की थी। हालांकि, राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार ने प्रति किसान को सिर्फ 13 हजार रुपए की मदद की घोषणा कर उनके साथ धोखाधड़ी की है। पटोले ने सहायता देते समय 3 हेक्टेयर की जो सीमा तय की गई, वह पूरी तरह अनुचित है, इसलिए सरकार ने इस सीमा को तत्काल हटाने की मांग की। 

    विरोधी पक्ष नेता के निर्णय पर पटोले ने जतायी नाराजगी 

    एक सवाल के जवाब में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विरोधी पक्ष नेता तय करते समय शिवसेना ने कांग्रेस के साथ चर्चा करनी चाहिए थी। क्योंकि, करीब तीन वर्ष पूर्व राज्य में बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए शिवसेना/कांग्रेस और एनसीपी की महा विकास आघाड़ी सरकार का गठन हुआ था। इस सरकार का गठन कॉमन मिनिमम प्रोगाम के तहत हुआ था। ऐसे में विरोधी पक्ष नेता को लेकर शिवसेना ने कांग्रेस से चर्चा कर निर्णय लेना चाहिए था। विरोधी पक्ष नेता तय करते समय शिवसेना ने कांग्रेस से चर्चा नहीं की। इस मुद्दे पर एक साथ बैठक कर चर्चा करने की जरुरत होने पर पटोले ने बल दिया। पदयात्रा में नाना पटोले सहित पूर्व मंत्री अनिल पटेल, कांग्रेस सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष विलास औताडे, पूर्व विधायक एमएम शेख, पूर्व विधायक नामदेव पवार, प्रदेश महासचिव डॉ. जितेन्द्र देहाडे, डॉ. जफर खान, जिला अध्यक्ष डॉ. कल्याण काले, शहर अध्यक्ष शेख यूसुफ लिडर उपस्थित थे।