जनता के जरूरी मुद्दों को हल करने से भाग रही शिंदे सरकार: सुषमा अंधारे

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    औरंगाबाद : 2014 में बीजेपी (BJP) ने महंगाई, किरीट सोमय्या (Kirit Somaiya) द्वारा शिंदे सरकार (Shinde Government) में शामिल कई मंत्रियों (Ministers) को ईडी की नोटिस देकर धमकाना, महिलाओं के सुरक्षा प्रशन को लेकर मेरे नेतृत्व में निकाली गई महाप्रबोधन यात्रा के पूर्वार्ध में शिंदे सरकार से कुछ सवाल पूछे गए। इन सवालों का जवाब देने के बजाए धार्मिक और भावनिक मुद्दे को हवा देकर राज करना इसमें बीजेपी माहिर है। यह आरोप शिवसेना की उपनेता सुषमा अंधारे ने यहां लगाया। 

    गत तीन दिन से महाप्रबोधन यात्रा के माध्यम से औरंगाबाद में सभाएं ले रही सुषमा अंधारे ने आयोजित प्रेस वार्ता में राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए महाराष्ट्र की सरकार को जन विरोधी बताया। अंधारे ने बताया कि जिस महंगाई के प्रशन पर बीजेपी ने 2014 में चुनाव लड़कर जीता था, आज उसे मुख्य प्रशन से बीजेपी की मोदी सरकार कन्नी काट रही है। आज महंगाई आसमान छुुने के बावजूद उस पर कोई हल सरकार नहीं निकल पा रही है। इसका जवाब देने के लिए समय बीजेपी के पास नहीं है। भ्रष्टाचार पर काफीगिडगिडाकर बोलने वाले किरीट सोमय्या और बीजेपी के सो कॉल्ड नेताओं ने कुछ महीने पूर्व ईडी की नोटिस दिखाकर प्रताप सर नाईक, यशवंत जाधव, भावना गवली और राधाकृष्ण विखे पाटिल को डराया गया था। इन नेताओं पर चार्जशीट कब दाखिल होगी? यह सवाल सुषमा अंधारे ने कर केंद्र और राज्य सरकार पर राग अलापा। 

    हर मुद्दे को धार्मिक मुद्दे नहीं बनाया जा सकता 

    एक सवाल के जवाब में सुषमा अंधारे ने कहा किसी भी मामले को धार्मिक मुद्दे नहीं बनाया जा सकता। लेकिन, बीजेपी इसमें माहिर है। भूख तो हिंदु को लगती, नौकरी और व्यवसाय को हिंदू को भी चाहिए, महाराष्ट्र में महिलाओं के सुरक्षा प्रशन आए दिन गंभिर बनते  जा रहा हैं। इन प्रशनों का जवाब शिंदे और  फडणवीस से देने के बजाए वे चुप्पी साध रहे है। 

    शिंदे के पास पावर नहीं सिर्फ पोजीशन है

    सुषमा अंधारे ने सीएम एकनाथ शिंदे को भी घेरते हुए कहा कि वे सिर्फ नाम मुख्यमंत्री है। उनके पास सीएम की पोजीशन जरुर है। परंतु, उनके पास निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है। क्योंकि, राज्य मंत्रिमंडल के मुख्य विभाग डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के पास है। आज फडणवीस के पास वित्त, गृह जैसे कई  महत्वपूर्ण विभाग के मंत्री के अलावा 6 जिलों के पालकमंत्री का पदभार है। इससे यह साफ है कि शिंदे को सिर्फ मुख्यमंत्री बनाकर पोजीशन दी गई। परंतु, सारे अधिकार फडणवीस के पास है। आज राज्य में शिंदे-फडणवीस सरकार को स्थापित होकर 100 से दिन से अधिक का समय गुजरा है। आज शिंदे-फडणवीस सरकार ने सामरिक निर्णय लेने के बजाए शॉट टेम्पर निर्णय लेकर महाराष्ट्र की जनता को बेवकूफ बनाया जा रहा है। परंतु, शिवसेना द्वारा निकाली गई महाप्रबोधन यात्रा में सरकार से पूछे गए सवालों का जवाब शिंदे सरकार को देना ही होगा। उन्होंने इस सरकार पर पत्रकारों को धमकाने का भी आरोप लगाया। प्रेस वार्ता में राज्य के विधान परिषद के विरोधी पक्ष नेता अंबादास दानवे भी उपस्थित थे।