स्वच्छ सर्वेक्षण: औरंगाबाद की सफाई को लेकर चिंतित हुए महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. अभिजीत चौधरी, लिया यह बड़ा फैसला

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    औरंगाबाद : केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा कुछ महीने पूर्व किए गए स्वच्छ सर्वेक्षण (Swachh Survekshan) में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष औरंगाबाद महानगरपालिका (Aurangabad Municipal Corporation) का स्तर गिरा है। इससे चिंतित महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. अभिजीत चौधरी (Dr. Abhijit Choudhary) ने शहर की सफाई पर विशेष लक्ष्य केंद्रित किया है। शहर के हर इलाके की बेहतर सफाई के अलावा व्यापार पेठ क्षेत्रों से दिन भर का कचरा उसी दिन देर रात उठाने का नियोजन करने के लिए एक स्वतंत्र सेल गठित करने का निर्णय लिया है। जल्द ही यह सेल कार्यान्वित होगा। 

    पत्रकारों से बातचीत करते हुए महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. अभिजीत चौधरी ने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण में हमारी कमजोरियां क्या रही? इस पर प्रशासन  गंभीरता से विचार कर रहा है। ऐसे में प्रशासन ने शहर की सफाई पर विशेष लक्ष्य केंद्रित करने के लिए स्वच्छ सर्वे में हमारा प्रदर्शन बेहतर रखने के लिए एक स्वतंत्र सेल स्थापित करने का निर्णय लिया है। स्वतंत्र सेल में घनकचरा विभाग में काम कर चुके अधिकारी और कर्मचारियों के अलावा टेक्निकल सपोर्ट के लिए अन्य अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा। 

    व्यापार क्षेत्र में देर रात सफाई कर उठाया जाएगा कचरा 

    महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. चौधरी ने बताया कि शहर के व्यापार पेठ क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कचरा जमा होता है। यह कचरा उसी रात उठाकर उस परिसर की सफाई की जाएगी। शहर के किन-किन व्यापार और अन्य क्षेत्रों में दिन भर में कचरा अधिक निकलता है। उन इलाकों की सूची बनाने का काम महानगरपालिका प्रशासन की ओर से जारी है। देर रात सफाई न करने से दूसरे दिन खुले स्थानों पर कचरा पड़ा रहता है। यहीं कचरा प्रति दिन देर रात उठाने का नियोजन महानगरपालिका प्रशासन ने शुरू किया है। 

    19 सितंबर से डिमांड नोट बांटने का काम शुरू 

    महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. चौधरी ने संपत्ति और पेयजल कर की घटते वसूली के ग्राफ पर चिंता जताते हुए माना कि गत 7 महीने में महानगरपालिका प्रशासन करों की राशि वसूलने में कमजोर रहा। उसका मुख्य कारण करों की राशि डिमांड नोट की छपाई को हुआ विलंब है। अब छपाई पूरी हो चुकी है। प्रशासन ने 19 सितंबर से डिमांड नोट वितरण का काम शुरू किया है। उन्होंने विश्वास जताया कि 15 नवंबर तक डिमांड नोट वितरण का काम पूरा होगा।  विशेषकर, कर वसूली के लिए संबंधित कर्मचारियों को मशीन दिए जाएंगे। जिससे डिमांड नोट के साथ ही कर वसूली का काम भी पूरा हो सकें। 1 अक्टूबर तक प्रशासन ने संपत्ति कर के रुप में 41 करोड़ और पेयजल आपूर्ति कर के रुप में 7 करोड़ की राशि वसूलने की जानकारी महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. चौधरी ने दी।   

    सानुग्रह अनुदान और एडवांस पर खर्च होगी ढाई करोड़ की राशि 

    हर साल की तरह इस साल भी महानगरपालिका प्रशासन ने दीपावली के त्यौहार पर महानगरपालिका कर्मचारियों को सानुग्रह अनुदान, फेस्टिवल एडवांस देने का निर्णय लिया है। महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. चौधरी ने बताया कि महानगरपालिका अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रशासन ने महानगरपालिका कर्मचारियों को दीपावली पर सानुग्रह अनुदान और एडवांस रकम देने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के चलते महानगरपालिका की तिजोरी से ढ़ाई से तीन करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी।