औरंगाबाद : राज्य (State) के उद्योगमंत्री और जिले के पालकमंत्री सुभाष देसाई (Subhash Desai) ने कहा कि ग्रामीण परिसर में कार्यरत शिक्षक कई मुश्किलों का सामना कर ज्ञानदान का काम कर रहे है। कोरोना काल में शिक्षकों (Teachers) के समक्ष कई अड़चणें निर्माण हुई। लेकिन, उन अड़चणों पर मात करते हुए शिक्षकों ने ज्ञानदान (Imparting Knowledge) का कार्य जारी रखा।
शिवसेना के औरंगाबाद जिला ईकाई की ओर से सावित्रीबाई फुले जयंती के उपलक्ष्य में शहर के तापडिया नाटय मंदिर में जिले के 103 शिक्षकों का सत्कार किया गया। कार्यक्रम का आयोजन विधायक अंबादास दानवे की ओर से किया गया था। कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए पालकमंत्री ने यह बात कही। मंच पर फलोउत्पादन मंत्री संदिपान भुमरे, राजस्व राज्यमंत्री अब्दुल सत्तार, राज्य शिक्षक सेना विधायक संजय सिरसाठ, विधायक रमेश बोरनारे, जिला परिषद के सीईओ निलेश गटणे, पूर्व मेयर नंदकुमार घोडेले सहित शिक्षक सेना के पदाधिकारी उपस्थित थे।
अपने विचार में देसाई ने शिक्षकों के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि समाज में शिक्षकों का स्थान उच्चतम है। हाथ में लिया हुआ हर कार्य वे इमानदारी से पूरा करते है। किसानों, मजदूरों के बच्चों को बेहतर शिक्षा देकर उनका जीवन संवारने में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। कोरोना काल में जिला परिषद के शिक्षकों ने स्वास्थकर्मी, पुलिस कर्मियों के बराबरी का काम किया। पहले शिक्षकों का डर छात्रों में रहता था। लेकिन, अब वह स्थिति नहीं है। वर्तमान में गुरुजनों को लेकर आदर, प्रेम कम हुआ है। इसके बावजूद वे छात्रों का जीवन संवारने वे निरंतर शिक्षा का कार्य जारी रखे हुए है।
कार्यक्रम के आयोजक और विधायक अंबादास दानवे ने कहा कि पुरस्कार के लिए जिले के 250 शिक्षकों का डेटा प्राप्त किया गया था। उसमें 103 शिक्षकों का चयन स्कोर पध्दति पर किया गया। यह पुरस्कार देते समय किसी भी पार्टी का विचार न करते हुए शिक्षकों का चयन किया गया। दानवे ने कहा कि उनकी की ओर से हर साल शिक्षकों का सम्मान क्रांतिवीर सावित्रीबाई फुले जयंती के उपलक्ष्य में किया जाएगा। इस अवसर पर सेना नेता चन्द्रकांत खैरे ने कहा कि शिक्षकों से राजनेताओं ने कभी बैर नहीं लेना चाहिए। क्योंकि, चुनाव के समय शिक्षक के इशारे पर ही मतदान होता है। विधायक सिरसाठ ने शिक्षकों पर अन्य सरकारी कामों को डाले जा रहे बोझ पर कड़ी नाराजगी जताई। कार्यक्रम में विशेष रुप से अंतर्राष्ट्रीय ग्लोबल टीचर्स पुरस्कार विजेता प्राध्यापक रणजीत दीसले ने ऑनलाइन मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राज्य शिक्षक सेना के मराठवाडा उपाध्यक्ष सुधाकर कापरे, कार्याध्यक्ष नामदेव सोनवने, प्रादेशिक सचिव विठठल बदर, मराठवाडा के सहसचिव प्रा.एचआर चव्हाण, जिलाध्यक्ष दत्ता पवार आदि ने परिश्रम किए।