शिक्षक नई शैक्षिक अवधारणाओं को अपनाए, ताकि हम जो पीढ़ी निर्माण कर रहे हैं वह बेहतर हो: डॉ. अभिजीत चौधरी

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    औरंगाबाद : महानगरपालिका (Municipal Corporation) के शिक्षकों (Teachers) ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (Quality Education) मुहैया कराने के लिए जिला परिषद सांगली (Zilla Parishad Sangli) और औरंगाबाद महानगरपालिका (Aurangabad Municipal Corporation) इन दोनों के बीच शिक्षा का एक पूल निर्माण करने के साथ ही औरंगाबाद के बेहतर चीजों को ध्यान में रखते हुए छात्रों के गुणवत्ता में वृद्धि करने के लिए प्रयास करने वाली कार्यशाला आयोजित की है। इस कार्यशाला में शिक्षकों ने वे जो पीढ़ी निर्माण कर रहे हैं, वह पीढ़ी बेहतर हो, इसको लेकर शिक्षकों ने नई शैक्षिक अवधारणाओं को अपनाना चाहिए। यह अपील महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. अभिजीत चौधरी ने यहां की। 

    औरंगाबाद महानगरपालिका और जिला परिषद सांगली के संयुक्त तत्वावधान में मेरी स्कूल आदर्श स्कूल और स्मार्ट स्कूल इस विषय को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था। इसमें इस विषय पर सांगली जिला परिषद के शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा एक प्रेझेंटेशन पेश किया गया। बता दे कि महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. चौधरी इससे पूर्व सांगली जिला परिषद में सीईओ पद पर कार्यरत थे। इसलिए उन्होंने महानगरपालिका की शिक्षा विभाग की ओर से जिला परिषद सांगली द्वारा अमलीजामा पहनाए जा रहे मेरी स्कूल आदर्श स्कूल और स्मार्ट स्कूल इस विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया था।  कार्यशाला का उद्घाटन डॉ.चौधरी के हाथों किया गया। उसके बाद अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने यह अपील की। मंच पर जिला परिषद सांगली के शिक्षणाधिकारी मोहन गायकवाड, महानगरपालिका की उपायुक्त नंदा गायकवाड, शिक्षणाधिकारी संजीव सोनार, शिक्षण विस्तार अधिकारी रामनाथ थोरे प्रमुख रुप से उपस्थित थे। अपने विचार में डॉ. चौधरी ने महानगरपालिका के शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि हर छात्र गुणवत्ता पूर्व कैसे निर्माण होगा, इसको लेकर विशेष प्रयास करने चाहिए। उसके लिए जितना निधि चाहिए, उतना निधि उपलब्ध कराया जाएगा। 

    स्मार्ट स्कूल उपक्रम का पेश किया गया प्रेझेंटेशन 

    इस अवसर पर ज्ञानवेद सांगले ने महानगरपालिका द्वारा जारी स्मार्ट स्कूल उपक्रम का प्रेझेंटेशन दिया। उसके बाद अपने विचार में जिला परिषद सांगली के शिक्षणाधिकारी मोहन गायकवाड ने उनके पास स्कूल में उपलब्ध करायी जा रही भौतिक सुविधाएं, शैक्षणिक गुणवत्ता, जनसहभाग से छात्रों को कितनी बेहतर शिक्षा दी जा रही। इस पर विस्तार से प्रकाश डाला। सांगली से आए शिक्षक अमोल हंकारे ने डीजी स्कूल एप के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए यह एप शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों के लिए कितना महत्वपूर्ण है, इसकी जानकारी दी। अन्य शिक्षक अमोल सातपुते ने खुशी भरी माहौल में स्कूलों में शिक्षा किस तरह दी जाती, इस पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए किशोर दांडगे, शशिकांत उबाले, विशाल बाविस्कर ने परिश्रम किए। कार्यक्रम का सूत्र संचालन तेजस्विनी भोसले और  वैशाली गुलवे ने किया। आभार प्रदर्शन शिक्षणाधिकारी संजीव सोनार ने माना।