फुटपाथ की चौड़ाई दिखाती है कि लोकतंत्र कितना गहरा है: प्रसन्ना देसाई

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    औरंगाबाद : शहर की सड़कों (Roads) और सार्वजनिक स्थलों (Public Place) को कैसे सुविधाजनक (Convenient), सुरक्षित (Safe) और महिला-पुरुष सभी के लिए उपयुक्त बनाया जाए। इस पर स्मार्ट सिटी मुख्यालय में कार्यशाला संपन्न हुई। औरंगाबाद महानगरपालिका (Aurangabad Municipal Corporation), स्मार्ट सिटी (Smart City) और आयटीडीपी (ITDP) द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में 150 लोगों ने भाग लिया। महानगरपालिका कमिश्नर और स्मार्ट सिटी सीईओ डॉ. अभिजीत चौधरी (CEO Dr. Abhijit Chowdhary) के मार्गदर्शन में औरंगाबाद महानगरपालिका ने औरंगाबाद स्मार्ट सिटी और  आईटीडीपी के साथ एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया। 

    इसमें पुणे के मशहूर शहरी डिजाइनर प्रसन्ना देसाई ने बताया कि कैसे आईटीआई स्ट्रीट, डीपी रोड, पिंपले नीलख में न्यू डीपी रोड, रावत गांव रोड, आकुर्डी  में गंगा नगर रोड और पुणे शहर की अन्य सड़कों को नया रूप दिया गया। वे इस बात पर सहमत हुए कि स्वस्थ जीवन, जीवन सुरक्षा, अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि शहर में पैदल चलना और साइकिल चलाना सुविधाजनक, सुरक्षित और संगत होना चाहिए। देसाई ने कहा कि सड़कों का डिजाइन तैयार करते समय उस सड़क की उपयोगिता और जरूरत को ध्यान में रखकर निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि शहर में फुटपाथों की चौड़ाई बताती है कि लोकतंत्र कितना गहरा है।

    इस मौके पर आइटीडीपी के प्रांजल कुलकर्णी ने कहा कि सड़कों और फुटपाथों को तैयार करते समय भूमिगत नाले, केबल, ड्रेनेज लाइन आदि की समुचित योजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्लानिंग देश के विभिन्न शहरों में की गई है और इसी तरह यहां भी संभव है। अर्बन रिसर्च फाउंडेशन के श्रीनिवास देशमुख ने कहा कि शहर के लिए गैर-मोटर चालित परिवहन नीति बनाते समय यह महसूस किया गया था कि शहर में बड़ी संख्या में लोग चलते हैं और इसलिए उनके लिए सुविधाएं प्रदान करना महत्वपूर्ण है।

    इस कार्यशाला में स्मार्ट सिटी के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी सौरभ जोशी, महानगरपालिका के कार्यकारी अभियंता भागवत फड सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। जोशी ने कहा कि कार्यशाला में सुझाए गए समाधानों को चालू और भविष्य की सड़क परियोजनाओं में लागू करने का प्रयास किया जाएगा।