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    औरंगाबाद : औरंगाबाद महानगरपालिका के विभिन्न विभागों और अधीनस्थ वार्ड कार्यालयों में कुशल और अकुशल ठेका पद्धति पर श्रम शक्ति की आपूर्ति हेतु विभिन्न ठेकेदारों से निविदा स्वीकृत करते समय इस बात का ध्यान रखा जाये कि ठेकेदारों द्वारा कोई आर्थिक रंगदारी न की जाये। नियुक्त ठेकेदार को भत्ते, अन्य भत्ते, भविष्य निधि (पीएफ), राज्य श्रमिक बीमा योजना (ईसीआईएस), कर्मचारी मुआवजा (डब्ल्यूसी), वाणिज्यिक कर (पीटी), बोनस और छुट्टियों पर किए गए काम के लिए वेतन का भुगतान देने के आदेश नियुक्त किए गए ठेकेदार को देने के बारे में सांसद इम्तियाज जलील ने महानगरपालिका प्रशाक, कामगार उपायुक्त, कमिश्नर भविष्य निर्वाह निधि और कमिश्नर कर्मचारी राज्य बीमा विभाग को पत्र सौंपा है। 

    सांसद इम्तियाज जलील ने पत्र में कहा कि महानगरपालिका के विभिन्न विभागों में कार्यरत कई कुशल और अकुशल कर्मचारियों को समय पर मासिक वेतन नहीं मिलता है, ठेकेदार, पीएफ और ईएसआईसी के निर्णय के अनुसार न्यूनतम वेतन का भुगतान करें। सरकारी नियमों के अनुसार विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं और अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं के लाभ का भुगतान न करने, कर्मचारियों और उनके परिवारों को लाभ का भुगतान न करने की शिकायतें मेरे पास आई है। 

    मजदूरों को आज तक न्याय नहीं मिला 

    सांसद जलील ने कहा कि मजदूरों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ भले ही कई यूनियनों ने लोकतांत्रिक तरीके से विभिन्न आंदोलन किए, लेकिन देखा गया कि मजदूरों को आज तक न्याय नहीं मिला है। जिन कर्मचारियों को महानगरपालिका में ठेकेदारों द्वारा काम पर रखा जाना है, उन सभी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन और भत्ते, विशेष / महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता, अन्य भत्ते, भविष्य निधि (पीएफ), राज्य श्रमिक बीमा योजना का भुगतान, ( ईसीआईएस), कर्मचारी मुआवजा (डब्ल्यूसी), व्यापार कर (पीटी), बोनस और अवकाश कार्य आदिसंबंधित कर्मचारियों के बैंक खाते में जमा करने की सूचना सांसद जलील ने विविध वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपे पत्र में की। सांसद इम्तियाज जलील ने कहा कि विभिन्न श्रम कानूनों के लागू होने से ठेका श्रमिकों को भविष्य में श्रमिक होने के सभी लाभ और सुविधाएं प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त होगा।

    ठेकेदारों पर होगी कानूनी कार्रवाई 

    सांसद इम्तियाज जलील ने कहा कि यदि नवनियुक्त ठेकेदार निविदा में उल्लिखित विभिन्न श्रम कानूनों का पालन नहीं करता है और महानगरपालिका के साथ समझौते का उल्लंघन करता है, तो संबंधित ठेकेदार के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।