Sharad Pawar

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छत्रपति संभाजीनगर: मैं करीब 58 सालों से राजनीति में हूं। पहले के समय में राजनीति में मतभेद जरुर थे, लेकिन तब संवाद (Dialogue) था, आज स्थिति पूरी तरह बदल गई हैं। देश की राजनीति में संवाद बचा ही नहीं हैं। संसदीय कामकाम पद्धति में संवाद कम हुआ है। यह बात राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने कर केन्द्र की मोदी सरकार (Modi Govt.)का नाम लिए बिना निशाना साधा। शहर के एमजीएम विश्वविद्यालय में हिंदु-मुस्लिम-ईसाई सौहार्द को लेकर एक परिषद का आयोजन शरद पवार की प्रमुख उपस्थिति में किया गया था। परिषद को संबोधित करते हुए शरद पवार ने यह आलोचना की। मंच पर एमजीएम विश्वविद्यालय के कुलपति अंकुशराव कदम, पूर्व मंत्री राजेश टोपे उपस्थित थे। 

उन्होंने कहा कि संवाद से हर बड़ी समस्या का हल निकाला जा सकता है। उसका उदाहरण देते हुए पवार ने बताया कि बाबरी मस्जिद का विवाद उभरने के बाद उस समय दो समितियों का गठन किया गया था। तब देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर ने मुझे और भैरासिंह शेखावत को बुलाकर चर्चा की थी। उसके बाद मुझे पर हिंदु संगठनों से चर्चा करने और शेखावत पर बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी और उससे संबंधित संगठनों के पदाधिकारियों से बातचीत करने की जिम्मेदारी दी गई थी। जिसके चलते उस समय कई प्रश्न हल हो चुके थे। 

…तो सभी प्रश्न हल होते हैं

पवार ने बताया कि औरंगाबाद के मराठवाडा विश्वविद्यालय का नामांतर डॉ. बाबासाहाब आंबेडकर मराठवाडा विश्वविद्यालय करने के बाद कई स्थानों पर आगजनी और पथराव की घटनाएं हुई थी। तब मैं महाराष्ट्र का सीएम था। तब हमने यहां पहुंचकर लोगों से संवाद साधा। जिसके बाद लोगों ने विश्वविद्यालय के नामांतर को स्वीकारा। उनके अनुसार संवाद रहा तो लगभग सभी प्रश्न हल होते हैं, लेकिन आज संवाद का अभाव होने से समस्याओं का निपटारा नहीं हो पा रहा हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासकीय यंत्रणा में साम्प्रदायिकता को बढ़ावा नहीं मिलना चाहिए। 

हमें कड़वाहट से छुटकारा पाने की जरुरत   

एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कहा कि कानून व्यवस्था और अन्य विभागों में गलत निर्णय लिए जा रहे हैं। हमारा देश सेक्यूलर देश है, लेकिन गत कुछ सालों से मुस्लिम और ईसाई समुदायों पर हमले जारी है। यह देश की एकता के लिए चिंता का विषय है। ईसाई समाज एक शांतिपूर्ण समाज है। गलतियां मुस्लिम समाज के दो चार लोगों से हो सकती है। वह गलतियां हिंदु समुदाय में भी हो सकती है। मुस्लिम समाज की संख्या को अनदेखी नहीं किया किया जा सकता। यह समाज पिछड़ा है, उस दृष्टि से देखने की जरुरत है। लेकिन कुछ लोग जानबूझकर उनकी ओर  देखने के दृष्टिकोन को बदलने का प्रयास कर  कड़वाहट पैदा कर रहे है। ऐसे में हम सबने मिलकर कड़वाहट को छुटकारा पाने की कोशिश करनी चाहिए। पवार ने सलाह देते हुए कहा कि ऐसे लोगों से हम सबको जागृत रहने की जरुरत है। 

जनता ने इंदिरा गांधी को भी हराया था 

शरद पवार ने केन्द्र की मोदी सरकार का नाम लिए बिना इशारों इशारों में कहा कि सत्ता में रहने पर लोगों की नाराजगी झेली तो लोग घर का रास्ता दिखाते है। इंदिरा गांधी को हार का सामना करना पड़ा था। लोगों ने इंदिरा गांधी को हराने के बाद देश में मोरारजी देसाई की सत्ता आयी थी, लेकिन जनता ने उन्हें भी सत्ता से दूर कर फिर से इंदिरा गांधी को सत्ता सौंपी थी। उन्होंने बीजेपी का नाम लिए बिना नसीहत देते हुए कहा कि सत्ता का दुरुपयोग ना करें, वरना जनता अधिक दिन सत्ता में टिकने नहीं देती। उन्होंने देश के कई राज्यों में आज भी बीजेपी की सत्ता न होने का जिक्र करते हुए जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है, उन राज्यों के नाम गिनाते हुए बताया कि सिर्फ बीजेपी को गुजरात और यूपी में बड़े पैमाने पर जनाधार मिला हुआ है।

सत्ता और पैसा का इस्तेमाल करने के बावजूद कर्नाटक में मिली हार 

हाल ही में कर्नाटक में हुए चुनाव के दौरान बीजेपी ने सत्ता और पैसा का अधिक उपयोग कर वहां सत्ता पाने का प्रयास किया।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई सभाएं ली। द्वेष पैदा करने वाले भाषण दिए। इसके बावजूद वहां की जनता ने बीजेपी को  मात दी। उन्होंने बताया कि गोवा और मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार स्थापित थी, वहां विधायकों को तोड़कर बीजेपी ने  अपनी सत्ता स्थापित की। इस पर भी पवार ने इशारा करते हुए कहा कि राजनीति में यह सब अधिक दिन तक नहीं चलता है   क्योंकि आज देश की हालत काफी चिंताजनक है।