
औरंगाबाद : ठेकेदार को मंजूर किए काम के अलावा अन्य अधिक के काम मंजूर करने के लिए 30 हजार रुपए की रिश्वत (Bribery) लेने वाले वॉटर एंड लैड मैनेजमेंट इन्स्टिट्यूट (Water and Lad Management Institute) के प्रभारी प्रशासनिक अधिकारी प्रदीप प्रल्हाद बाहेकर और लेखा अधिकारी मोहन दशरथ शेलार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों (Anti-Corruption Bureau) ने रंगें हाथों गिरफ्तार (Arrested) किया। एसीबी की इस कार्रवाई से वाल्मी में कार्यरत भ्रष्टाचारी अधिकारियों में खलबली मची है।
एसीबी के एसपी संदिप आटोले ने बताया कि शिकायत कर्ता का मित्र ठेकेदार है। उसे वाल्मी कार्यालय अंतर्गत 11 लाख 50 हजार रुपए के काम मंजूर हुए थे। इन कार्यों को मंजूर करने के अलावा 8 लाख 90 हजार के अन्य काम मंजूर करने के लिए वॉटर एंड लैड मैनेजमेंट इन्सिटिटयूट (वाल्मी) में कार्यरत प्रशासकीय अधिकारी प्रदीप प्रल्हाद बाहेकर और लेखाधिकारी पद पर कार्यरत मोहन दशरथ शेलार निवासी वीजन सिटी ने 30 हजार रुपए की रिश्वत मांगी।
शिकायतकर्ता की रिश्वत देने की इच्छा न होने से उसने भ्रष्टाचार निरोधक कार्यालय पहुंचकर दोनों रिश्वत खोर प्रदीप बाहेकर और मोहन दशरथ शेलार के खिलाफ शिकायत लिखाई। इसी शिकायत पर एसीबी के अधिकारियों ने मंगलवार की दोपहर वाल्मी कार्यालय में जाल बिछाया, तब रिश्वतखोर लेखाधिकारी मोहन शेलार ने शिकायत कर्ता से रिश्वत की 30 हजार रुपए की राशि स्वीकृति। तभी पहले से जाल बिछाए बैठे एसीबी के अधिकारियों ने दोनों रिश्वत खोरों को गिरफ्तार किया। उन दोनों आरोपियों के खिलाफ सातारा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया। यह कार्रवाई एसीबी के एसपी संदिप आटोले,अपर पुलिस अधीक्षक विशाल खांबे, पुलिस उपाधीक्षक मारुति पंडित के मार्गदर्शन में पुलिस निरीक्षक हनुमंत वारे, कर्मचारी सुनील पाटिल, साईनाथ तोडकर, विला चव्हाण ने पूरी की।