1 मार्च  से  संभाजीनगर वासियों को होगी दो दिन गैप देकर पेयजल आपूर्ति- केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. कराड का दावा

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छत्रपति संभाजीनगर: इन दिनों शहर की पेयजल समस्या हल करने हाथ में ली गई 2780 करोड़ रुपए की पेयजल योजना का काम युद्धस्तर पर जारी है। इसके अलावा पुरानी पाईप लाईन के स्थान पर नई पाईप लाईन बिछाने का काम भी मनपा प्रशासन ने जीवन प्राधिकरण के माध्यम से हाथ में लिया है। इस योजना का काम अगले वर्ष फरवरी माह के एंड तक पूरा होकर मार्च महीने में शहरवासियों को दो दिन गैप देकर पेयजल आपूर्ति होगी. यह दावा केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड ने यहां किया। 
सोमवार को डॉ. कराड ने शहर की पेयजल समस्या हल करने  के लिए हाथ में ली नई पेयजल आपूर्ति योजना के काम का जायजा लिया। उसके बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉ. कराड ने यह दावा किया। उन्होंने कहा कि मैंने नई पेयजल योजना का काम समय पर पूरा करने को गंभीरता से लिया है। इस योजना का काम जल्द से जल्द पूरा करने के लिए आज तक 9 से 10 बैठक ले चुका हूं। इन दिनों पुरानी 100 तथा 56 एमएलडी पाइप लाइन की हालत काफी कमजोर होने से पुरानी योजना का पुनर्जीवन करने का काम भी युद्धस्तर पर जारी है। 
 
इस योजना का काम फरवरी माह के अंत तक पूरा होकर 1 मार्च 2024 से शहर वासियों को दो दिन गैप देकर पेयजल आपूर्ति होने का दावा डॉ. कराड ने किया। बता दे कि इन दिनों शहरवासियों को 8 से 10 गैप देकर पेयजल आपूर्ति जारी है। शहर को पेयजल आपूर्ति करने वाला जायकवाडी बांध करीब 40 प्रतिशत पानी से भरा हुआ है। परंतु शहर को पेयजल आपूर्ति करने वाली पाइप लाईन पूरी तरह जर्जर होने से तत्कालीन फडणवीस सरकार ने 1780 करोड़ की नई पेयजल योजना को मंजूरी दी थी। 
 
इसी दरमियान राज्य में सत्ता परिवर्तन व कोरोना काल में इस योजना के काम को ब्रेक लगा था। उधर, सरकार ने पुरानी पेयजल योजना को पुनर्जीवन करने का काम भी हाथ में लिया है।  उस योजना पर 1 हजार करोड़ से अधिक की राशि खर्च हो रही है। पुरानी योजना को पुनर्जीवित करने का काम भी युद्धस्तर पर जारी है. इस योजना का काम अगले वर्ष फरवरी माह के अंत तक पूरा होकर 1 मार्च 2024 से शहरवासियों को दो दिन गैप देकर पेयजल आपूर्ति होगी। 

 
तत्कालीन ठाकरे सरकार के चलते डेढ़ साल बर्बाद हुआ
प्रेस वार्ता में केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड ने आरोप लगाया कि 2019 में राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद सत्ता में आयी ठाकरे सरकार ने योजना की निविदा मंजूर करने में डेढ़ साल का समय बर्बाद किया। जिसके चलते आज इस योजना के काम में देरी हो रही है। तत्कालीन फडणवीस सरकार ने योजना को मंजूरी देते ही निविदा भी जारी की थी। लेकिन, उस योजना के निविदा को मंजूर करने में करीब 18 माह बर्बाद होने से इस योजना को ठाकरे सरकार के कार्यकाल में गति नहीं मिल पायी। यही कारण है कि 1780 करोड़ की नई पेयजल योजना 2780 करोड़ पर जा पहुंची।