Aurangabad Municipal Corporation keeps a close watch on 33 people from Britain

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    औरंगाबाद : करीब 16 वर्ष पूर्व महानगरपालिका (Municipal Corporation) के तत्कालीन कमिश्नर आसिम कुमार गुप्ता ने पीपीपी मॉडल (PPP Model) के कई प्रस्ताव पारित कर शहरवासियों का विकास के कई सपने दिखाए थे। परंतु, महानगरपालिका द्वारा जितने प्रकल्प पीपीपी मॉडल पर किए गए है, उसमें कई प्रकल्प आज भी अधूरे है, अथवा वह पूरी कामयाब नहीं हुए है। इसके बावजूद महानगरपालिका प्रशासन ने फिर एक बार शहर के कांचनवाडी (Kanchanwadi) में पीपीपी मॉडल पर एसटीपी प्लांट के प्रक्रिया किए हुए पानी (Water) को शुद्ध (Pure) करने के प्रकल्प का निर्माण पीपीपी मॉडल पर करने का निर्णय लिया है। प्रशासन द्वारा उक्त प्रस्ताव 7 जुलाई 2022 को पारित किया गया है। इस प्रकल्प पर 174 करोड़ 12 लाख 62 हजार 240 रुपए खर्च अपेक्षित है। 

    महानगरपालिका प्रशासन द्वारा पारित प्रस्ताव में बताया गया है कि केंद्र सरकार ने औरंगाबाद शहर को मिलियन प्लस सिटी संवर्ग में शामिल किया है।  पानी शुद्धिकरण को लेकर भारत सरकार के गृह निर्माण और शहरी विकास मंत्रालय द्वारा 15 जून 2022 को एक ऑनलाईन बैठक ली गई। बैठक में केंद्र सरकार ने पानी शुद्धिकरण जैसे प्रकल्प को पीपीपी मॉडल पर अमलीजामा पहनाने की सूचना महानगरपालिका प्रशासन को थी। अमृत मिशन 2 के मार्गदर्शक तत्व के अनुसार मिलने वाले अनुदान की रकम में से कम से कम 10 प्रतिशत रकम का प्रकल्प पीपीपी मॉडल पर अमलीजामा पहनाना केंद्र सरकार ने अनिवार्य किया है। इस तरह के प्रकल्प के लिए केंद्रीय अर्थसहाय्य की मियाद 30 से 60 प्रतिशत तय की गई है। अंतर की रकम पीपीपी मॉडल यानी जनसहभाग से निर्माण करना जरुरी है। महानगरपालिका सूत्रों ने बताया कि इस प्रकल्प के लिए जल्द ही ई निविदा निकाली जाएगी। इस प्रकल्प के  लिए 174 करोड़ 12 लाख 62 हजार 240 रुपए खर्च का प्रस्ताव पारित किया गया है। 

    प्रक्रिया किए हुए पानी का होगा शुद्धिकरण 

    बता दे कि केंद्र सरकार के यूआईडीएसएसएमटी योजना द्वारा महानगरपालिका की ओर से शहर में भूमिगतड्रेनेज लाईन योजना हाथ में ली गई थी। इस योजना का काम पूरा होने के बाद उसके अंतर्गत शहर से सटे कांचनवाडी में एसटीपी प्लांट का निर्माण किया गया। यह प्लांट 156 एमएलडी का है। इस एसटीपी प्लांट में वर्तमान में करीब 80 एमएलडी मलजल पानी आकर जमा होता है। एसटीपी प्लांट में जमा हुए पानी पर प्रक्रिया करने के बाद उसका इस्तेमाल इमारतों का निर्माण, खेती में करने के लिए प्रशासन ने भरपूर प्रयास किए। परंतु, उसमें प्रशासन को बहुत अधिक कामयाबी आज तक नहीं मिल पायी। इसलिए महानगरपालिका प्रशासन ने मलजल पानी पर प्रक्रिया करने के बाद प्रक्रिया किए हुए पानी का शुद्धिकरण प्रक्रिया करने का निर्णय लिया है।  यह प्रकल्प कांचनवाडी के एसटीपी प्लांट के निकट निर्माण किया जाएगा। शुद्ध किया हुआ पानी कहां इस्तेमाल होगा, इसकी कोई विस्तृत जानकारी प्रस्ताव में नहीं है।