औरंगाबाद : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) के तहत समुदाय में गरीब, उच्च जोखिम (High-Risk) वाले और कम आय वाले लोगों को प्रभावी चिकित्सा देखभाल (Effective Medical Care) प्रदान करने के लिए, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से प्राप्त निधि का उपयोग स्वास्थ्य प्रणाली को संक्रामक और गैर-संचारी रोगों के लिए मजबूत करने के लिए किया जाता है। टीकाकरण, अंधापन, मलेरिया, कुष्ठ, मुख स्वास्थ्य, सांसद इम्तियाज जलील ने आज राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत औरंगाबाद जिले के सभी समन्वयकों और अधिकारियों की समीक्षा बैठक सुभेदारी विश्राम गृह में की। ताकि, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोगियों को चिकित्सा सेवाओं की त्वरित पहुंच सुनिश्चित की जा सके।
सांसद इम्तियाज जलील ने उपस्थित अधिकारियों को औरंगाबाद जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनता के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जिले में लागू सभी कार्यक्रमों और योजनाओं के लाभ के लिए कार्यक्रमों और योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। ग्रामीण क्षेत्रों के बुजुर्गों को आंखों की सर्जरी और इलाज के लिए तीन दिन औरंगाबाद में रहना पड़ रहा है। सांसद इम्तियाज जलील ने तालुका में विभिन्न बीमारियों पर नेत्र शल्य चिकित्सा करने के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया क्योंकि बुजुर्गों और उनके रिश्तेदारों के लिए कई समस्याएं हैं। बैठक के दौरान सांसद इम्तियाज जलील ने उपस्थित अधिकारियों और समन्वयकों के साथ तकनीकी निरीक्षण और कोल्ड चेन उपकरण और तापमान निगरानी उपकरण के पुनर्मूल्यांकन के लिए प्रयोगशाला की स्थापना पर जोर दिया।
सांसद इम्तियाज जलील ने जोर देकर कहा कि समाज की भागीदारी के साथ सामाजिक सेवाओं का सामाजिककरण और कार्यान्वयन किया जाना चाहिए। सांसद इम्तियाज ने कहा कि कोरोना प्रकोप में अपनी जान जोखिम में डालने वाले डॉक्टरों, अधिकारियों और कर्मचारियों की भर्ती को प्राथमिकता देने के लिए केंद्र सरकार स्तर पर हर संभव प्रयास करुंगा।
सांसद इम्तियाज जलील ने बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लागू किए जा रहे सभी कार्यक्रमों और योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। इनमें प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना, आशा कार्यक्रम, आईपीएचएम कार्यक्रम, राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय आयुष कार्यक्रम, राष्ट्रीय दृष्टिहीनता निवारण और दृष्टिहीनता कार्यक्रम, राष्ट्रीय संक्रामक रोग कार्यक्रम, उपचार एवं शल्य चिकित्सा कार्यक्रम शामिल हैं। विकलांग बच्चे, नागरिक मलेरिया योजना, राष्ट्रीय कुष्ठ निवारण कार्यक्रम, राष्ट्रीय आयोडीन की कमी विकार नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय कीट रोग नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय कैंसर मधुमेह और पक्षाघात निवारण कार्यक्रम, संक्रामक रोग नियंत्रण कार्यक्रम, हैजा नियंत्रण कार्यक्रम, योजना उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय नारुतो उन्मूलन कार्यक्रम, एकीकृत रोग सर्वेक्षण परियोजना, मातृ और शिशु ट्रैकिंग कार्यक्रम, नियमित टीकाकरण कार्यक्रम, शिशु पक्षाघात की अचानक शुरुआत, किशोर प्रजनन और यौन स्वास्थ्य योजनाएं, राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम, सहायता अनुदान योजनाएं, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम, कायाकल्प योजनाएं, मानव विकास कार्यक्रम, राष्ट्रीय वृद्धावस्था स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, स्वास्थ्य परिवहन सेवाओं – स्वास्थ्य उपकरणों के रखरखाव एवं मरम्मत एवं अधोसंरचना विकास प्रकोष्ठों की जानकारी प्राप्त कर उपस्थित अधिकारियों को योजना एवं कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने का निर्देश दिया।
इस अवसर पर डॉ. कुंडलीकर, डॉ. अभय धनोरकर, डॉ. शेख शकील, डॉ. विनायक मुंडे, कृष्णा सुरडकर, टी.आर. काशीद, अनिल चव्हाण, संपदा चव्हाण, रूपाली नाइक, मनीषा खंडाले, गणेश देशपांडे, चंदन गनोरे, अशोक जाधव, अश्विनी शिंदे, विकास मेश्राम, अभिजीत धमाले, सारिका सांगले, प्रज्ञा सोनवणे, रहीनी घोल्वे, डॉ. जावेद कुरैशी, एशिया शेख और अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।