Women Sarpanchs should work effectively by practicing methodology : Dr. Nilam Gore

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    औरंगाबाद : गांव (Village) के विकास (Development) में सरपंचों (Sarpanch) की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है। इस बात को ध्यान में रखकर महिला सरपंचों (Women Sarpanches) को कार्यपध्दति समझकर नियमावली का अभ्यास कर गांव के विकास के लिए प्रभावी रुप से काम करना चाहिए। यह अपील विधान परिषद की उपसभापति डॉ. निलम गोरे (Dr. Nilam Gore) ने की। 

    शहर के तापडिया नाटयमंदिर में आयोजित महिला सरपंच परिषद में मार्गदर्शन करते हुए डॉ. गोरे ने यह अपील की। मंच पर राज्य के राजस्व राज्यमंत्री अब्दुल सत्तार, जिला परिषद अध्यक्ष मिनाताई शेलके, परिषद के संयोजक और  विधायक अंबादास दानवे, विधायक मनीषा कायंदे, उपाध्यक्ष एलजी गायकवाड, महिला और  बालकल्याण सभापति अनुराधा चव्हाण, जिला परिषद के सीईओ निलेश गटने उपस्थित थे। गोरे ने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं।

    गांव को समृद्ध बना सकते हैं

    ग्राम स्तर की महिलाएं राजनीति के माध्यम से गांव के विकास में अपना योगदान दे रही हैं। इस काम को करने में काफी दिक्कतें आती हैं। इसलिए हर महिला सरपंच को सरकार के कामकाज के तरीके को समझना और पढ़ना चाहिए और अपने संचार कौशल में सुधार करना चाहिए। हम किसी भी दबाव या विरोध के आगे झुके बिना संयम से प्रतिकूल परिस्थितियों को अपना सकते हैं। जिसके माध्यम से हम स्वास्थ्य, शिक्षा, जल, महिला सशक्तिकरण और अन्य माध्यमों से अपने गांव को समृद्ध बना सकते हैं।

    महिला सरपंचों की एक बैठक आयोजित करें

    जिले के पाटोदा ग्राम पंचायत सरपंच भास्कर पेरे ने भी बेहतरीन काम किया है और गांव में खुशहाली लाई है। इसी तरह आपको अपने गांव को तरह-तरह से समृद्ध करना चाहिए। इसके लिए अपने गांव में विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए धनराशि की मांग करते हुए समय-समय पर अपनी अध्ययन विकास योजना को बैठक में प्रस्तुत करते रहें। नीलम गोरे ने जिला परिषद के अधिकारियों को भी निर्देश दिया कि उनकी मांगों पर विचार करने और कार्रवाई करने के लिए सप्ताह में एक दिन महिला सरपंचों की एक बैठक आयोजित करें।

    गांव में महिला सशक्तिकरण के लिए तैयार रहना चाहिए

    मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे महिलाओं के खिलाफ होने वाले अन्याय और अत्याचार को लेकर काफी संवेदनशील हैं और उन्होंने ग्रामीण स्तर पर विकास के लिए प्रयास करते हुए ऑनलाइन सिस्टम के जरिए राज्य के सरपंचों से भी बातचीत की है। इसलिए हर महिला सरपंच को भी अपने गांव में महिला सशक्तिकरण के लिए तैयार रहना चाहिए।

    वहीं गोरे ने संबंधितों को सरपंच को ग्राम स्तरीय पुलिस विजिलेंस कमेटी में स्थान देने का निर्देश दिया। नीलमथाई गोरे ने आगे कहा कि लोकतंत्र में विकास कार्य करते समय विचारशील विचारों को प्रस्तुत करना आवश्यक है। तो सरपंच चाहे महिला हो या पुरुष, बदलते समय में किसानों, महिलाओं, बच्चों, स्वच्छता और अन्य कई चीजों की समस्याओं को हल करके प्रगति की जानी चाहिए।