Balasaheb Thorat
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    महाराष्ट्र: महाराष्ट्र की सियासी राजनीति किसी फिल्म से कम नहीं है, जी हां यहां कब कौन सा ट्विस्ट आ जाए यह कोई नहीं बता सकता। हाल ही में आई बड़ी खबर के मुताबिक, कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात इन्होने अपने जन्मदिन पर अपनी पार्टी को एक बड़ा झटका दिया है। जी हां आपको बता दें कि आज उनोन्हे विधायक नेता के पद से इस्तीफा दिया (Balasaheb Thorat Resigned) है, बता दें कि उनके इस तरह इस्तीफा देने की एक वजह है, आइए जानते है क्या है पूरी खबर, आखिर किस वजह से नाराज होकर बालासाहेब थोरात अपने पद का इस्तीफा दिया है। 

    कांग्रेस में आंतरिक कलह खुलकर सामने

    आपको बता दें कि नासिक विधान परिषद चुनाव के बाद अब  कांग्रेस में आंतरिक कलह खुलकर सामने  आ रहा है, जी हां कस्बा और चिंचवाड़ उपचुनाव के बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट के बीच विवाद बढ़ है। ऐसे में अब यह बात सामने आई है कि बालासाहेब थोराट ने कांग्रेस पार्टी के नेताओं को पत्र लिखकर यह बता दिया है कि उनके लिए प्रदेश अध्यक्ष के साथ काम करना संभव नहीं है। इसके बाद थोराट ने ग्रुप लीडर के पद से इस्तीफा दे दिया है। 

    थोरात ने इस वजह से दिया इस्तीफा 

    कड़े शब्दों में लिखे गए पत्र में थोराट ने कहा, “नाना पटोले मेरे से गुस्सा हैं, ऐसी परिस्थितियों में उनके साथ काम करना संभव नहीं है। नासिक में महत्वपूर्ण चुनावों के दौरान भ्रम और गलतफहमी के लिए अकेले पटोले जिम्मेदार हैं।” यहां हैरानी की बात है कि नाना पटोले ने थोरात के पत्र पर जवाब देने से ही इनकार कर दिया है। फ़िलहाल  बालासाहेब थोरात के इस्तीफा देने से महाराष्ट्र का सियासी माहौल गरमाया हुआ है। 

    इस्तीफे पर नाना पटोले की प्रतिक्रिया 

    आपको बता दें कि अब ऐसे में थोरात के इस्तीफे पर प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा है कि उन्हें इस्तीफे की कोई जानकारी नहीं है और अभी तक उनके पास कोई पत्र नहीं पहुंचा है। नाना पटोले ने कहा, “मुझे पत्र की जानकारी नहीं है… मुझे नहीं लगता कि थोरात पार्टी नेतृत्व को ऐसा कोई पत्र लिखेंगे। वह हमारे नेता हैं, वह कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं।” वहीं पत्र में थोरात ने जो कुछ लिखा है उससे कांग्रेस की मुश्किलें जरूर बढ़ने वाली है। नासिक विधान परिषद चुनाव में पूरे समय राजनीति हुई।

    मैं इससे दुखी और परेशान हूं

    बालासाहेब थोरात ने लिखा, “मैं इससे दुखी और परेशान हूं… मेरे परिवार के सदस्यों की कड़ी आलोचना हुई, जिसकी कभी उम्मीद नहीं थी। पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान, मेरे बारे में भ्रम और गलतफहमी पैदा करने का प्रयास किया गया। मैं पैदाइशी कांग्रेसी हूं और जीवन भर कांग्रेसी रहूंगा।” अपने जन्मदिन पर उन्होंने इस्तीफा दिया है।