
नई दिल्ली/मुंबई. जहां एक तरफ लोकसभा चुनाव को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच अब शह-मात का खेल शुरू है। आज बेंगलुरु में सभी विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्ता से बाहर करने की रणनीति बना रहे होंगे तो ठीक इसी दिन NDA गठबंधन 2024 के चुनाव में सत्ता की हैट्रिक के लिए दिल्ली में बैठक कर वैचारिक मंथन कर रहा होगा।
इन दोनों बैठकों में शामिल होने को सोमवार को ही देश भर से नेतागण दिल्ली और बेंगलुरु पहुंचे। वहीं कर्नाटक के CM सिद्धारमैया ने शाम को विपक्षी दलों के लिए एक ख़ास डिनर भी रखा। महाराष्ट्र की बात करें तो आज अब से कुछ देर पहले NCP प्रमुख शरद पवार मुंबई स्थित अपने आवास से इस मीटिंग के लिए रवाना हो गए। वह आज कर्नाटक के बेंगलुरु में संयुक्त विपक्ष की बैठक में भी हिस्सा लेंगे।
#WATCH | Maharashtra | NCP chief Sharad Pawar leaves from his residence in Mumbai. He will participate in the joint Opposition meeting in Bengaluru, Karnataka today. pic.twitter.com/6dZL73rqam
— ANI (@ANI) July 18, 2023
अजित की शरद पवार से मुलाकात
देखा जाए तो अब महाराष्ट्र की राजनीती में रोज नया कुछ देखने को मिल रहा है। दरअसल महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार (DCM Ajit Pawar) और उनके गुट के NCP विधायक लगातार दूसरे दिन पार्टी के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) से मिलने मुंबई के वाईबी चव्हाण सेंटर (YB Chavan Centre) पहुंचे थे।
शरद पवार से हुई मुलाकात के बाद अजित पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा था कि, “आज, अजीत पवार, सुनील तटकरे और मैंने वाईबी चव्हाण केंद्र में शरद पवार से मुलाकात की। हमने उनसे फिर से एनसीपी को एकजुट रखने का अनुरोध किया और उन्होंने हमारी बात सुनी लेकिन इस पर कुछ नहीं कहा।” इससे पहले रविवार को अजित पवार और उनके गुट के अन्य बागी विधायकों ने पहली बार NCP प्रमुख से मुलाकात कर उन्हें मनाने की कोशिश की थी। उन्होंने नेताओं को जवाब नहीं दिया था।
बनेंगे नए समीकरण
गौरतलब है कि, बीते 2 जुलाई को एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने पार्टी में विभाजन का नेतृत्व करते हुए सत्तारूढ़ सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी। अजित पवार के अलावा छगन भुजबल और हसन मुशरिफ समेत राकांपा के आठ अन्य विधायकों ने भी शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ ली थी। वहीं, फिर बीते 14 जुलाई को महाराष्ट्र के नए मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ था। नए उपमुख्यमंत्री अजित पवार को वित्त विभाग सौंपा गया था।
इसके अलावा NCP के अन्य बागी विधायकों को भी विभिन्न विभाग आवंटित किए गए। जिसके लिए एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने कृषि, राहत और पुनर्वास सहित तीन विभाग NCP को सौंपने पड़े थे। जबकि, जबकि BJP से देवेंद्र फडणवीस को वित्त, सहयोग, चिकित्सा शिक्षा, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, खेल और महिला एवं बाल कल्याण विभाग छोड़ना पड़ा था।