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    भंडारा. कुछ महीनों पहले राज्य में उजागर शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) घोटाले ने शिक्षा क्षेत्र को हिला कर रख दिया है. इस मामले में महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद ने फर्जी उम्मीदवारों की सूची जारी कर उनपर अपात्रता और कानूनी कार्रवाई के आदेश दिए हैं. इस सूची में भंडारा जिले के 15 फर्जी ‘टीईटी’ उम्मीदवार पाए गए हैं.

    यह टीईटी परीक्षा वर्ष 2019-20 में आयोजित की गई थी. यह पाया गया है कि इस परीक्षा में 7 हजार 880 उम्मीदवारों ने फर्जीवाड़ा कर अपने नाम चयनित उम्मीदवारों की सूची में दाखिल करवाए. इस घोटाले के सामने आते ही राज्य में हड़कंप मच गया. उसके बाद पुणे साइबर पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच में लगभग 7 हजार 880 उम्मीदवार फर्जीवाड़े में लिप्त पाए गए.

    अब इन फर्जी उम्मीदवारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उन्हे आगे होने वाली शिक्षक पात्रता परीक्षा देने की अनुमति नहीं होगी. इन 7 हजार 880 अभ्यर्थियों में से 293 अभ्यर्थी फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर सेवा में शामिल हुए, ऐसे अभ्यर्थियों को सेवा से बर्खास्त करने की कारवाई शुरू है.

    महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद ने 480 पन्नों की एक सूची प्रकाशित की है जिसमें राज्य के उन उम्मीदवारों के नामों का उल्लेख किया गया है जिन्होंने फर्जीवाड़ा किया है. भंडारा जिले के 15 लोग ऐसे हैं जिन्हें शिक्षक पात्रता परीक्षा में फर्जी सर्टिफिकेट मिला है. भारती भोजराम डोंगरवार, साधना रामदास कुथे, संगिता नंदकिशोर परशुरामकर, पवन हरीदास तिमांडे, हेमंत कन्हैय्यालाल टेंभरे, शालू सदाशिव गाढवे, महेश नानाजी कारेमोरे, निखिल हंसराज वासनिक, पल्लवी नरेंद्र गणवीर, ज्योती परसराम मरसकोल्हे, सुप्रिया सुरेश मेश्राम, पुरूषोत्तम भोजराज भागडकर, केतन रमेश रामटेके, सविता भाऊराव तिरबुडे, जयंत शालिकराम जांभुळकर शामिल हैं. 

    प्रमाणपत्रों का किया जाएगा सत्यापित

    2019-2020 में आयोजित टीईटी परीक्षा के परिणाम 28 अगस्त 2020 को परीक्षा परिषद की वेबसाइट पर घोषित किए गए थे. इसमें 16 हजार उम्मीदवारों ने क्वालिफाई किया था. इनमें से 7 हजार 880 परीक्षार्थी फर्जीवाड़ा करके पास हो गए. इसलिए परीक्षा परिषद ने वर्ष 2013 से शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का सत्यापित करने का निर्णय लिया है.