अंबाडी. भंडारा तहसील एव पवनी तहसील में गोसेखुर्द जल सिंचन प्रभावित क्षेत्र में जैसे-जैसे गोस बांध का स्तर बढ़ता है, बैकवाटर असिंचित खेत में घुसता जाता है. लगभग 200 हेक्टेयर के क्षेत्र में पानी की घुसपैठ के कारण भंडारा और पवनी तालुका के किसान गंभीर संकट में हैं! गोसे बांध का जलस्तर बढ़ गया है. वर्तमान में इस परियोजना में जल स्तर 244,500 मीटर है. नतीजन, पानी डूबे हुए क्षेत्र में घुस गया है और पानी असिंचित खेतों में घुस गया है.
यह विशेष रूप से, यदि बांध को उसके अधिकतम स्तर तक संग्रहित किया जाता है, तो कई किसानों को नुकसान होने का डर होता है, गोसे परियोजना के लिए असिंचित एवं जलमग्न कृषि भूमि के अधिग्रहण की मांग कई वर्षों से चल रही है.
जल सिंचित समीपस्थ कृषि जमीन अधिग्रहित करने हेतु मांग पिछले मानसून से पहले शुरू की गई थी, लेकिन बरसात के दिनों में खेतों में फसल बोने के कारण सर्वेक्षण नहीं हो सकी. अब गोसे परियोजना विभाग ने नई तिथि देते हुए तत्काल कृषि भूमि की गिनती की है. बताया गया है कि बहुत दिनो से इसकी मांग की जा रही है. गोसे प्रोजेक्ट बैकवाटर भंडारा तहसील अंतर्गत बेला, दवडीपार, कोरंभी, सांलेबर्डी, अजिमाबाद, सिरसघाट, तिडी, अर्जुनी ,सगम पिपरी, मौदी, इटगांव,आदि जल सिंचन क्षेत्र प्रभावित होने की बात चर्चा मे हैं. साथ में पवनी तहसील के पास कही गांव में कृषि जमीन में पानी प्रविष्ट होने की खबर हैं.
मदन माटे, योगेश कुथे, मदन मिराशे, भगवान राखड़े, शंकर माटे, परमेश्वर मते, धनराज भोयर, लक्ष्मण कुथे, भाऊराव राखड़े इनके खेतं में पानी घुस गया है. खेतों में पानी घुस जाने से तीन डीपी पानी में डूब गए हैं और किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. जल्दी ही सर्वेक्षण कर भूमि अधिग्रहण कर पीडितों को लाभ देने की अपील हैं.