- क्या चुनाव में अटका प्रतिबंध ?
- जिले में सक्रिय मरीज 75
भंडारा. साल 2022 की शुरूवात जिले पर भारी पडती दिख रही है. हर दिन दहाई के आंकडे में कोरोना मरीजों की संख्या का खुलासा हो रहा है. शुक्रवार को 21 नए कोरोना मरीज पाए गए. इसके साथ ही जिले में अब कुल 75 सक्रिय मरीज हो चुके है. जिस तेजी से मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. अगले दो तीन दिन में ही सक्रिय मरीजों की संख्या 100 पार कर सकती है.
हालत ऐसे हो चुके है कि कडे प्रतिबंध की सख्त आवश्यकता है.
शुक्रवार को भंडारा जिले में कुल टेस्ट 874 हुई. इसमें 21 मरीज पॉजिटिव पाए गए. परीक्षण की तुलना में मरीजों प्रतिशत 2.40 है. गुरुवार की तुलना में यह थोड़ा कम है. लेकिन हकीकत यह भी है कि गुरुवार की तुलना में शुक्रवार को कम परीक्षण हुए है.
जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार जिले में अब तक कुल टेस्ट 489485 हुए है. इसमें 60184 मरीज पॉजिटिव पाए गए. इसमें से उपचार के पश्चात 58975 मरीज स्वस्थ हुए. मरीजों का रिकवरी रेट 98 प्रतिशत है. भंडारा जिले में दो वर्ष पूर्व कोरोना का आगमन हुआ. तब से अब तक 1134 की मृत्यु हुई है.
शुक्रवार को पॉजिटिव आए मरीजों में सर्वाधिक मरीज यह भंडारा तहसील से है. भंडारा तहसील से 9, मोहाडी तहसील से 3, तुमसर तहसील से 2, लाखनी तहसील से 4, साकोली तहसील से 1 मरीजों का समावेश है.
सर्वाधिक मरीज भंडारा तहसील में
जहां तक वर्तमान में एक्टिव्ह पेशेंट की संख्या की बात है. सर्वाधिक मरीज भंडारा तहसील में 43 है. इसके पश्चात तमुसर तहसील में 11, लाखनी तहसील में 8, साकोली तहसील में 3, लाखांदुर तहसील में 5 सक्रिय मरीज है.
पवनी में कोई मरीज नहीं
भंडारा जिले में केवल पवनी तहसील के लिए राहत भरी बात है कि इस तहसील में हाल फिलहाल में कोई पॉजिटिव पेशेंट नहीं पाया गया है. एक्टिव्ह पेशंट के सूची में पवनी तहसील में कोई मरीज नहीं है.
जिला प्रशासन ने किया आह्वान
जिलाधिकारी संदीप कदम ने सरकारी व निजी अस्पतालों में बाह्य रोगी विभाग में आने वाले किसी भी बुखार के मरीज का कोविड टेस्ट निर्धारित करने का निर्देश दिया है. वहीं नागरिकों से अपील की गयी है कि वर्तमान में वैक्सीन ही एकमात्र उपाय है एवं इसके लिए पात्र नागरिकों को अपने नजदीकी टीकाकरण केंद्र में जाकर टीका लगवाना चाहिए. इसके अलावा ऐसे लाभार्थी जो दूसरी खुराक के लिए पात्र हैं, वे वैक्सीन की दूसरी खुराक को प्राथमिकता के तौर पर लेने का आह्वान किया है. आचार संहिता का पालन करें, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का प्रयोग करें का आह्वान जिला प्रशासन ने किया है.
कालेज बंद तो स्कूल क्यों शुरू ?
लेकिन लोगों की माने तो कोरोना की दहशत पर चुनाव सरगर्मी भारी पड रही है. तभी तो स्कूलें अब भी जारी है. बच्चों को स्कूल में बुलाया जा रहा है. कुछ स्कूलें को एक दिन से अंतराल के निर्देश का भी पालन नहीं करती. कोरोना की तीसरी लहर की आहट के बीच में जिले में कडे प्रतिबंध लागू करने की सख्त आवश्यकता है. बच्चों के हित में फिर से ऑनलाइन पढ़ाई की जरूरत है.