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भंडारा. भंडारा विभाग की बसें पुरानी हो गई है.यह बसें कहीं भी बंद पड़ जाती है.खटारा बसों को सड़क से हटाकर नई बसें लाने की तैयारी है, लेकिन यह कब संभव होगा, कोई नहीं बता सकता.

सुरक्षित यात्रा के लिए एसटी बसों को आम लोग प्राथमिकता देते है. यात्रियों के इसी भरोसे के कारण ही रापनि प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है और इस भरोसे को टिकाए रखने के लिए यात्री सुविधाओं के लिए नई-नई योजनाएं लागू की जा रही है. लेकिन यात्रियों को सुरक्षित और सुखद सेवा देने के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले महाराष्ट्र राज्य मार्ग

परिवहन निगम के भंडारा विभाग को पुरानी बसों की चिंता सता रही है. विभाग की ज्यादातर बसें 10 वर्ष से अधिक पुरानी हैं. अब इनकी आयु सीमा पार हो गई है. ऐसे में यात्री सुरक्षा के लिहाज से अगर इन्हें हटा दिया जाता है तो विभाग को यात्री परिवहन में दिक्कतें होंगी जिससे विभाग को 300 नई बसों की आवश्यकता हो सकती है. इसमें भी 100 नई बसों की तत्काल जरूरत है. लेकिन नई बसों की खेप रापनि प्रशासन की ओर से कब तक उपलब्ध कराई जा सकेगी, यह अभी तय नहीं है.

उल्लेखनीय है कि कोविड व लॉकडाउन के चलते रापनि आर्थिक संकट में घिर गई थी. कर्मचारियों की हड़ताल ने भी बडा नुकसान किया.परिणाम स्वरूप रापनि की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से डांवाडोल हो गई. जिसके चलते पुरानी व खस्ताहाल बसों की बजाय नहीं बसों की खरीदी अधर में लटक गई.ऐसे में रापनि पुरानी बसों की ही देखभाल व दुरुस्ती करते हुए उन्हें सड़कों पर चला रही है. जिसमें से 213 बसें 10 वर्ष से अधिक पुरानी हो चुकी है.

भंडारा में 42, साकोली में 51, तुमसर में 40 खटारा बसे भंडारा विभाग में भंडारा डिपो में 42, गोंदिया डिपो में 39, साकोली डिपो में 51, तुमसर डिपो में 40, तिरोड़ा डिपो में 25 व पवनी डिपो में 16 बसें 10 वर्ष अधिक पुरानी हो गई है. उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के नए नियमानुसार 15 वर्ष से अधिक पुराने हो चुके वाहनों को सड़कों से हटा देने चाहिए. प्रदूषण के स्तर को हटाने के साथ-साथ सड़कों पर वाहनों की आवाजाही को सुरक्षित किए जाने के लिए यह निर्णय लिया गया.इसके बावजूद रापनि में अब भी 10 से 15 वर्ष पुरानी हो चुकी बसें सड़कों पर दौड़ रही हैं.