जय एवं वीरू की नई जोड़ी ने दिखाया कमाल, जिप में कांग्रेस के 3 एवं 1 निर्दलीय बने सभापति

3 Congress and 1 independent of became president in ZP Bhandara

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    • नाना ने बचाई अपनी साख : वाघमारे ने भाजपा को  दिखाया आईना

    भंडारा. पूर्व विदर्भ के क्षितिज पर उभरी नई जय एवं वीरू की नई जोड़ी यानी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले एवं भाजपा के बागी पूर्व विधायक चरण वाघमारे ने भंडारा जिला परिषद के विषय समिति सभापति चुनाव में कमाल कर दिखाया. भाजपा के बागियों को रोकने के लिए किए गए साम, दाम, दंड, भेद के सभी हथकंडे धरे के धरे रह गए.

    मिशन झेडपी के लिए स्वयं नाना पटोले एवं चरण वाघमारे भंडारा में डेरा डाले हुए थे. भंडारा जिप सभापति चुनाव में जीत के साथ ही नाना पटोले ने अपनी साख बचाने साथ ही एकला चलो रे का संदेश भी दे दिया. 19 मई के इस एपिसोड के बाद जिले में चर्चा है कि आगामी नगर परिषद चुनाव में जय वीरू की यह जोड़ी जातियों के सोशल इंजीनियरिंग के सहारे सीधे टकराने की योजना बना रही है.

    कांग्रेस की बल्ले बल्ले

    भंडारा जिला परिषद में 4 विषय समिति सभापति के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस के 3 एवं एक निर्दलीय प्रत्याशी जीत मिली है. इनमें कांग्रेस के रमेश पारधी, मदन रामटेके, स्वाती वाघाये एवं निर्दलीय बालु सेलोकर का समावेश है. जहां तक तहसीलों को मिले प्रतिनिधित्व की बात है. सबसे ज्यादा अन्याय भंडारा, मोहाडी, लाखांदुर तहसील पर हुआ है.

    ऐसी हुई जीत

    जिप सभापति पद के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस के रमेश पारधी के खिलाफ गणेश निरगुले, कांग्रेस के मदन रामटेके के खिलाफ राकां की स्मिता डोंगरे, कांग्रेस की स्वाति वाघाये के खिलाफ भाजपा की माहेश्वरी नेवारे एवं निर्दलीय प्रत्याशी बालू सेलोकर के खिलाफ भाजपा की राजेश्वरी तिघरे ने चुनाव लड़ा. लेकिन इन सभी चुनाव को कांग्रेस एवं भाजपा बागियों के गठबंधन ने 27 25 के अंतर से चुनाव जीत लिया.

    तुमसर की बल्ले बल्ले

    भ्ंडारा जिला परिषद में जो राजनीतिक समीकरण उभरे. उसमें सबसे ज्यादा फायदा तुमसर तहसील को हुआ है. जिप उपाध्यक्ष पद पर संदीप ताले की जीत के बाद में रमेश पारधी, एवं बालू सेलोकर यह तुमसर तहसील से ही है.

    भंडारा तहसील पर अन्याय

    जिप में सत्ता किसी भी पार्टी की क्यों न हो? जिला मुख्यालय होने की वजह से भंडारा तहसील को प्रतिनिधित्व दिया जाता था. लेकिन यह संभवत: पहली बार ही हुआ है कि भंडारा तहसील में कोई स्थान नहीं मिला है.

    बागियों ने व्हीप फेंका

    भंडारा जिला परिषद में भाजपा से बगावत कर कांग्रेस का हाथ थामने वाले बागी सदस्यों को जब सदन में व्हिप दिया गया. उसे वहीं पर फेंकने की जानकारी जिप में भाजपा गुट नेता विनोद बांते ने कही. उन्होने बताया कि इस मामले में संबंधितों को नोटिस जारी किए गए है. जिलाधिकारी के समक्ष 27 मई को मामले की सुनवाई होगी.

    भाजपा राकां की रणनीति हुई फेल

    भंडारा जिले पंचायत समिति के सभापति एवं उपसभापति चुनाव में कांग्रेस को नुकसान उठाना पडा था. लेकि जिप अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष चुनाव में भाजपा पूर्व विधायक चरण वाघमारे के बागी तेवर का फायदा उठाते हुए कांग्रेस ने अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष चुनाव जीत लिया था. जिसमें कांग्रेस के गंगाधर जिभकाटे एवं भाजपा बागी संदीप ताले निर्वाचित हुए थे. जिप अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष चुनाव में अपनी रणनीति के फेल रहने से तिलमिलाई भाजपा एवं राकां यह नई रणनीति के साथ मैदान में उतरे थे.

    अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष चुनाव में जिप सदन में हुई हाथापाई का मामला पुलिस तक पहुंचाया गया था. आसार बन रहे थे कि बागियों को सदन में पहुंचने से रोका जाए. इसके तरह तरह के हथकंडे अपनाए गए. चर्चा है कि बडा प्रलोभन में दिखाया गया. लेकिन भाजपा एवं राकां की रणनीति को फेल करने में नाना एवं चरण की जोडी कामयाब रही. नाना पटोले को बखूबी पता था कि जिप सभापति चुनाव में विफलता से उनके भविष्य पर क्या प्रतिकूल असर पड़ सकता है. वहीं चरण वाघमारे भी जानते थे कि इस बार अगर चूक हुई तो उन्हे बैकफुट पर जाना पड़ेगा. नाना एवं चरण की इस जोड़ी ने 19 मई को बेहद गंभीरता से लिया था.

    नाना एवं चरण के साथ पहुंचे सदस्य

    भंडारा जिले की राजनीति में उभरी जय और वीरू इस नई जोडी को लेकर जिप परिसर में बडी उत्सुकता के साथ देखा जा रहा था. कांग्रेसी एवं भाजपा के बागी सदस्यों लेकर आयी गाड़ियों के साथ नाना पटोले एवं चरण वाघमारे की भी गाड़ी थी. नाना पटोले जिप भवन के बाहर से ही विश्रामगृह पहुंचे. जबकि चरण वाघमारे उतरे एवं गेट तक सदस्यों को पहुंचाया.

    वार रूम में नाना और चरण

    जिस समय जिप सदन में सभापति चुनाव की कार्रवाई चल रही थी. विश्रामगृह में रोमांच एवं उत्सुकता का माहौल था. एक कमरे में नाना पटोले एवं चरण वाघमारे यह कांग्रेसी नेता प्रेमसागर गणवीर, मधुकर लिचडे एवं अन्य के साथ में पल पल का अपडेट ले रहे थे.

    पटेल से जुड़े सवाल पर चुप्पी

    विश्राम गृह में नाना पटोले कई सवाल किए गए. उसे उन्होंने अपनी चिरपरिचित अंदाज में जवाब भी दिया. लेकिन प्रफुल पटेल से जुड़े सवाल पर वह चुप्पी साध गए. नाना पटोले की इस चुप्पी ने भाजपा की नींद हराम कर दी है. एैसे में एक चर्चा यह भी है कि भंडारा जिले में जो कुछ हुआ. वह राकां एवं कांग्रेस के बीच मैत्रीपूर्ण द्वंद का हिस्सा थी. चुनाव संपन्न होती ही राकां एवं कांग्रेस साथ साथ दिखाई दे तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए.