रेत तस्करों पर की अनोखे ढंग में कार्रवाई, शक न आए इसलिए बरमूडा पर आए अधिकारी

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    भंडारा. रेत तस्करों को अपना नेटवर्क होता है. जो रेत घाट से लेकर गंतव्य स्थल तक बिछा होता है. अधिकारी की गाडी कार्यालय या घर से निकली है या नहीं यहां से लेकर गाडी का लाईव लोकेशन पूरे नेटवर्क में साझा किया जाता है एवं सभी को सतर्क किया जाता है.

    लेकिन मोहाडी के तहसीलदार ने ऐसा तरीका इस्तेमाल किया कि रेत तस्करों को संभलने का मौका भी नहीं मिला एवं 5 टिप्परों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकी. मोहाडी तहसीलदार ने सरकारी वाहन का प्रयोग नहीं किया. टी-शर्ट व बरमूडा पहनकर टेम्पो से रेत घाट पर पहुंचे एवं कार्रवाई को अंजाम दिया.  तहसीलदार करंदे दीपक करांडे टेंपो से नीचे उतर गए. इस कार्रवाई में रेत माफिया के पांच टिपरों को पकड़कर 80 लाख रुपये का माल जब्त किया.

    तस्करी के दौरान रेत तस्करों को कोई मौका न मिले एवं रेत तस्करों को किसी भी संदेह न आए इसके लिए तहसीलदार करांडे ने सुबह में सादी टी-शर्ट एवं बरमूडा पहनी एवं टैंपो पर सवार हुए.

    इसी टेंपों में बैठकर वे मोहाडी तहसील के रोहा बेटाला रेत घाट में गश्त करने लगे जहां तस्करी हो रही थी. उन्हें  रेत ले जा रहा एक टिप्पर मिला. उन्होने बिना एक पल की देरी किए टिप्पर को रोक दिया. सरकारी वाहन नहीं होने के कारण तस्करों को कोई शक नहीं हुआ.  

    टिप्पर चालक ने सादे कपड़े पहने तहसीलदारों को नहीं पहचाना एवं उनके साथ मुंहजोरी की. जब करांडे ने अपना परिचय दिया तो सभी हैरान रह गए. करांडे एवं उनकी टीम ने सभी पांचों टिपरों के खिलाफ कार्रवाई की एवं जुर्माना लगाया. इस कार्रवाई से अन्य तस्करों में हड़कंप मच गया है. यह कार्रवाई होते ही आसपास के रेत घाट में मौजूद तस्कर एवं उसके लोगों ने भागने में ही अपनी भलाई समझी.  गुप्त सूचना के आधार पर तहसीलदार ने यह कार्रवाई की.

    ठोस कारवाई की जरूरत

    पूर्वी विदर्भ में भंडारा जिले की रेत की काफी मांग है. रेत तस्कर यह पैसा एवं दहशत के जोर पर अपने मकसद को अंजाम देते है. यही कारण है कि रेत तस्करों के आगे प्रशासन बेबस नजर आता है. 

    मोहाडी तहसीलदार दीपक करांडे को गुप्त सूचना मिली थी कि रेत की तस्करी हो रही है. उन्होंने तुरंत एक टीम बनाई एवं खुद कार्रवाई करने का फैसला किया. चूंकि रेत माफियाओं का नेटवर्क मजबूत है, इसलिए उन्होंने रेत तस्करों के आंखों में धूल झोंकने के लिए यह योजना बनाई थी. इस योजना के तहत तहसीलदार करांडे खुद एक छोटे टेंपो वाहन में सवार हो गए एवं मौके पर पहुंचे. इस शानदार कार्रवाई में रेत की तस्करी करने वाले 5 टिपर ट्रकों को जब्त कर लिया. पांचों टिप्पर को मोहाडी थाने में जमा करा दिया गया है.