AISF ने तहसील कार्यालय के सामने किया विरोध प्रदर्शन, पुलिस पाटिल एवं कोतवाल की भर्ती में घोटाला

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तुमसर. मोहाडी एवं तुमसर तहसील में हुई पुलिस पाटिल एवं कोतवाल की भर्ती में घोटाला होने के विरोध में पिछले 15 दिनों से SDO कार्यालय के सामने अनशन पर बैठे परीक्षार्थियों का किसी तरह का हल नहीँ निकलने से मंगलवार को AISF के नेतृत्व में परीक्षार्थियों द्वारा उपविभागीय अधिकारी कार्यालय के सामने जेल भरो आंदोलन करने का निर्णय लिया गया था. लेकिन प्रशासन द्वारा लाउडस्पीकर बजाने एवं आंदोलन की अनुमति नहीं दिए जाने से उन्होंने जोरदार नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया.

उनकी प्रमुख मांग में पुलिस पाटिल एवं कोतवाल की भर्ती में घोटाले कि कानून जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने, भर्ती प्रक्रिया दोबारा करने, संगठन के माध्यम से दिए गए निवेदन के लिखित जवाब देने का समावेश है.

स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) के जिलाध्यक्ष कॉमरेड प्रफुल चोपकर ने बताया कि, भर्ती प्रक्रिया में हकीकत में घोटाला हुआ है, क्योंकि परिणाम के दौरान यह अजीबोगरीब बात सामने आयी है की, सभी सिलेक्ट परीक्षार्थियों को 70 से 74 के बीच ही अंक प्राप्त हुए है, जबकि यह कैसे संभव हो सकता है, इसमें अनेक स्थानों पर कक्षा 12वीं फेल को सिलेक्ट किया गया तो ग्रेज्युएट एवं पोस्ट ग्रेज्युएट के साथ एमपीएससी की परीक्षा देने वालों को घर का रास्ता दिखाया गया है.

दूसरी ओर भर्ती प्रक्रिया की लिखित परीक्षा में कक्षा 4 थीं तक के पाठ्यक्रम के ही सवाल पूछे जाने के बारे में बताया गया था, लेकिन पेपर में ग्रेज्युएट लेवल के भी सवाल पूछे गए थे, जवाब पत्रिका को बारकोड नहीं लगाया गया, लिखित परीक्षा होने के बाद किसी भी परीक्षार्थियों को कितने अंक प्राप्त हुए थे, इसकी जानकारी नहीं दी गई. केवल सिलेक्ट परीक्षार्थियों के रोल नंबर ही प्रकाशित करवाए गए थे.

इस बारे में परीक्षार्थी शिकायत दर्ज करवाने उपविभागीय अधिकारी एवं तहसीलदार के पास पहुंचे तो उनकी लिखित शिकायत स्वीकार नहीं की गई. उन्होंने भर्ती प्रक्रिया की अन्य जिले के अधिकारियों के माध्यम से जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने एवं दोबारा नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया कर अन्याय ग्रस्त परीक्षार्थियों को न्याय देने की मांग की गई है. 

चोपकर ने बताया कि,गत 15 दिनों से ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन के नेतृत्व में परीक्षार्थी एवं उनके पालकों द्वारा अनशन किया जा रहा है, इस बीच गर्मी के कारण कुछ लोगों के स्वास्थ पर बुरा असर पड़ा एवं उनकी तबियत खराब हुई. फिर भी उपविभागीय अधिकारी एवं प्रशासन के माध्यम से किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है. इससे यह प्रतीत होता है कि प्रशासन, जनप्रतिनिधी एवं सरकार किसान एवं उनके पाल्यों को कचरा पेटी का कचरा समझते हैं.

आंदोलन में  AISF के जिलाध्यक्ष कॉम्रेड वैभव चोपकर, उपाध्यक्ष कॉम्रेड रवी बावणे, उषा वाडीभस्में, योगेश जमजारे, रवी थोटे, अक्षय उमरकर, उमेश भोयर, सुषमा पडोले, माधुरी देशमुख, बिना सुरणकार, इर्शाद खान, अमित दमाहे उपस्थित थे.