भंडारा. जिले में कार्यरत आंगनवाडी, आशा एवं गट प्रवर्तक, स्कूल पोषण, रोजगार कार्यकर्ता एवं कंट्राटी नर्सों आदि कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार को जिला परिषद के समक्ष धरना दिया. इस धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने हिस्सा लिया.
आंदोलन का नेतृत्व आयटक प्रदेश उपाध्यक्ष शिव कुमार गणवीर, जिला सचिव हिवराज उके, आंगनवाड़ी कर्मचारी यूनियन अध्यक्ष सविता लुटे एवं किसनाबाई भानारकर ने किया.
केंद्र की नीतियों का विरोध
इस धरना प्रदर्शन में केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीति का विरोध किया गया. उल्लेखनीय है कि केंद्र की कामगार विरोधी के खिलाफ पूरे देश में दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था.
क्या है मांगे?
आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सहायिका, शालेय पोषण कर्मचारी, आशा एवं गट प्रवर्तक, रोजगार सेवक, कंत्राटी नर्स आदि को सरकारी कर्मचारियों का दर्जा दिया जाए, उन्हे वेतनश्रेणी, भविष्य निर्वाह निधि, पेंशन, ग्रेच्युटी आदि का लाभ दिया जाए. मांगों में अदालत के आदेश के अनुसार न्यूनतम वेतन 21,000 रुपये एवं 10,000 रुपये पेंशन दिए जाने की मांग भी शामिल है. इस अवसर पर अध्यक्ष शिवकुमार गणवीर थे. हिवराज उके ने संबोधित किया.
संगठन की ओर से मांग के संबंध में सीईओ विनय मून से चर्चा की गयी. उन्होने जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. प्रशांत उइके, उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनीषा कुरसुंगे को धरनास्थल भेजा एवं मांगों का ज्ञापन लिया.
इस अवसर पर शालेय पोषण आहार की विद्या बोंद्रे, सदानंद ईलमे ने भी मार्गदर्शन किया. भाकपा की ओर से लालबावटा खेतिहर मजदूर यूनियन के भूपेश मेश्राम ने आंदोलन का समर्थन किया. इस अवसर पर वामनराव चांदेवार, राजू लांजेवार, अलका बोरकर, रीता लोखंडे, मंगला गजभिये, भूमिका वंजारी, आशीष मेश्राम, भाग्यश्री उरकुडे आदि ने सहयोग किया. राजू बडोले ने धन्यवाद भाषण दिया.