बीजेपी ओबीसी मोर्चा सेल ने दिया धरना, महाआघाडी सरकार झूठी: सांसद सुनील मेंढे

    Loading

    भंडारा. महाराष्ट्र में महाआघाडी सरकार की असलीयत खुलकर सामने आ चुकी है कि वह ओबीसी को आरक्षण नहीं देना चाहती है. महाराष्ट्र में ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण राज्य सरकार की टाइमपास नीति के कारण खोने की नौबत आयी. आरक्षण को लेकर कभी गंभीर नहीं रही महाआघाडी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में उचित रुख नहीं अपनाया है और वसूली में लगी रही.

    इसके विपरीत मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार ने एंपिरिकल डेटा आंकड़े एकत्र किए और ओबीसी  आरक्षण हासिल कर लिया. महाराष्ट्र की झूठ बोलने वाली सरकार है. जो आरक्षण के मुद्दे पर घड़ियाली आंसू बहा रही है. सरकार में कुछ नेता आरक्षण के मुद्दे पर दिखावा कर रहे हैं. सांसद सुनील मेंढे ने राज्य सरकार पर तीखा हमला चढ़ाया. वह भंडारा के त्रिमूर्ति चौक पर भाजपा ओबीसी मोर्चा सेल द्वारा आयोजित एक दिवसीय धरना आंदोलन और सांकेतिक अनशन को संबोधित कर रहे थे.

    सांसद सुनील मेंढे ने आगे कहा कि महाराष्ट्र एक प्रगतिशील राज्य है.  जाति व्यवस्था के कारण, अक्सर यह देखा जाता है कि पिछड़े वर्ग को बिना आरक्षण के कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिलता है. 1932 में गोलमेज सम्मेलन में डा. अनुसूचित जाति को पहला राजनीतिक आरक्षण बाबासाहेब आंबेडकर के संघर्ष से मिला. संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत शैक्षणिक और सरकारी नौकरियों में ओबीसी को आरक्षण 1990, 2006 से बहुत देर से मिलना शुरू हुआ. 

    आरक्षण के माध्यम से ओबीसी समुदाय यह स्थानीय स्तर पर निर्णय लेने और राजनीतिक शक्ति में प्रशिक्षित हो सका. लेकिन केवल 25 वर्षों में इस आरक्षण समाप्त होने  की नौबत आयी है. ओबीसी समुदाय का  आम कार्यकर्ता राजनीतिक व्यवस्था की मुख्यधारा में आने लगा तो आरक्षण खत्म हो गया. यह ओबीसी समुदाय के साथ किया गया अन्याय है और यह अन्याय केवल और केवल नकार्ता राज्य सरकार द्वारा किया गया है. आम आदमी को राजनीति की मुख्यधारा में लाने के लिए ओबीसी आरक्षण जरूरी है और इसलिए हम इस ओबीसी आरक्षण का समर्थन कर रहे हैं.

    इस धरना आंदोलन के दौरान कई नेताओं ने भाषण दिए. आंदोलन के बाद जिलाधिकारी संदीप कदम के माध्यम से मुख्यमंत्री को बयान भेजा गया. सांसद सुनील मेंढे, भाजपा जिलाध्यक्ष शिवराम गिरहेपुंजे,  ओबीसी मोर्चा प्रदेश सचिव चामेश्वर गहाणे, पूर्व विदर्भ संघटक रवी चौहान, नितीन गुडधे पाटील, रेखा भाजीपाले, महिला मोर्चा अध्यक्षा इंद्रायणी कापगते, ओबीसी जिलाध्यक्ष महेंद्र निंबार्ते, महामंत्री दिनेश निमकर,महिला संपर्क प्रमुख प्रीती दुरूगकर गोसेवाडे, राजेश टिचकुले, प्रदीप पडोले, महामंत्री मुन्ना फुंडे, धनवंता राऊत, प्रदीप गोमासे, ओबीसी मोर्चा युवा अध्यक्ष यश ठाकरे, पवनी तहसील अध्यक्ष मोहन सूरकर, लाखनी तहसील अध्यक्ष धनंजय घाटबांधे, लाखांदूर तहसील अध्यक्ष विनोद ठाकरे, व्यापारी आघाडी जिलाध्यक्ष मयूर बिसेन, मसचिन्द्र हटवार, डा नेपाल रंगारी, डा राजेश नांदुरकर, प्रियंक बोरकर, मनोज बोरकर, कैलास तांडेकर, माधुरी डुकरे, आशाताई उईके, चंद्रकला भोपे, वनिता कुथे, गीताताई सिडाम, मधुरा मेदनकर, विकास मदनकर, देविदास कुंभरकर, मनीष कापगते, विष्णुदास हटवार, संदीप नंदरधने, सुरेश अवसरे, श्रावण कापगते, सुभाष पटले, किशोर पोगडे, प्रतीक उईके, आकाश फाले, शुभम चौधरी अमित बिसेन, राजेश वाघमारे, महेश आकरे, अशोक बडवाईक, सुभाष पटले, सय्यद करीम, नरेश बोन्द्रे, रवींद्र वंजारी, प्रदीप रहांगडाले, सुखदेव वंजारी, विजय खरकाटे, पुरुषोत्तम ठाकरे, मनोज भुरले, प्रकाश कुर्झेकर, अमोल उराडे, हिरालाल वैद्य, सुनील लांजेवार, इंद्रजीत कुर्झेकर शंकर लोले आदि मौजूद थे.