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भंडारा. पडोसी के कब्जे के खेती की जगह पर शासकीय योजना के तहत गैरकानूनी ढंग से बनाए गए दो आवास न्यायालय के आदेश पर जेसीबी के माध्यम से ढहा दिए गए. जिन लाभार्थियों के घरों को तोड़ा गया उनमें परसोडी/नाग की महिला सरपंच अनीता चंद्रशेखर बोरकर के पति और सास हैं.

 लाखंदूर तहसील के परसोडी/नाग की नवनिर्वाचित महिला सरपंच अनीता चंद्रशेखर बोरकर की सास सीताबाई रामा बोरकर और पति शेखर रामा बोरकर को पांच साल पहले सरकार की रमाई आवास योजना के तहत आवास योजना का लाभ मिला था. दोनों आवास को स्वीकृति एक साथ मिलने के कारण महिला सरपंच की सास और पति ने संयुक्त रूप से एक मकान बनाया और उसमें रहने लगे.लेकिन जिस जगह पह निर्माण कार्य किया गया था,वह जगह स्थानीय निवासी सिंधु कुंडलिक लांडगे के स्वामित्व वाली कृषि भूमि थी. इस कारण सिंधु लांडगे ने अनाधिकृत आवास निर्माण किए जाने के कारण लाखांदूर सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

कृषि भूमि का मामला पांच साल से लाखांदूर न्यायालय में लंबित था. वहीं अनाधिकृत आवास निर्माण करने वाले परिवार की अनीता चंद्रशेखर बोरकर तीन महीने पहले आम ग्राम पंचायत चुनाव में लोगों से सीधे सरपंच चुनी गई. गांव के सरपंच का पद संभालते ही महज तीन महीने में लाखांदूर सिविल कोर्ट में पांच साल से चल रहे मुकदमे का नतीजा सामने आया.03 मार्च 2023 को मकान को गिराने का आदेश दिया था.

कोर्ट के आदेश पर 9 मार्च 2023 को आवास को तोड़ा जाना था. हालांकि, कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण आवास को नहीं तोड़ा जा सका. अंतत: शनिवार 1 अप्रैल को लाखांदूर सिविल कोर्ट के कर्मचारियों एवं लाखांदूर पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति में दोनों मकानों के आधे से अधिक निर्माण को अंतत: गिरा दिया गया. महिला सरपंच के दोनों आवासों को तोड़े जाने की पूरी तहसील में चर्चा शुरू है.