Canal work incomplete for 30 years, government pouring water on the dreams of farmers by editing the land

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भंडारा. तहसील के खरबी में उप नहर का टेल वर्क अधूरा है. नतीजतन तीन दशक से इस उपनहर का पानी इधर-उधर  फैलकर बर्बाद हो रहा है. इधर उधर पानी फैल जाने से किसानों के खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा है.इससे संबंधित विभाग का ही नहीं बल्कि किसानों का भी नुकसान हो रहा है. खरबी के सरपंच ने इसकी शिकायत करते हुए कहां है कि जिन्हें सिंचाई के लिए पानी की जरूरत है, उन्हें पानी नहीं मिल रहा है.

इस संबंध में पेंच सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता को ज्ञापन देते हुए उन्होंने मांग की  है कि खरबी उप नहर के टेल का काम अविलंब पूरा किया जाए.बताया जा रहा है कि अनेक किसानों की जमीन सालों पहले सरकार ने अपने कब्जे में ले ली है लेकिन उस पर उप नहर का कोई काम नहीं किया. किसानों की जमीन लेकर उनके सपनों पर पिछले 30 सालों से सरकार ने पानी उंडेल दिया है. किसान फसल भी नहीं ले पा रहे है और न ही उन्हें सिंचाई के लिए पानी मिल पा रहा है.

 ज्ञापन में कहा गया है है कि ग्राम पंचायत खरबी में उप नहर का निर्माण करीब चार दशक पहले तैयार किया गया है. इसमें गट नंबर 465 खरबी से निकाला गया है.उप नहर निर्माण का यह काम टेल तक पूरा करना आवश्यक था.लेकिन गट नंबर 465 से 0.16 हेक्टेयर आर जमीन सरकार ने अपने कब्जे में ले ली.लेकिन इस जमीन पर अब तक टेल का काम पूरा नहीं किया.इस कारण उप नहर का पानी आगे टेल तक जाने की बजाए बीच में ही अन्य स्थान पर फैल जाता है.इसलिए गट नंबर 465 से 471 तक का पूरा एरिया अर्थात 10.77 हेक्टेयर भूमि जलमग्न हो जाती है.

यह समस्या पिछले तीन दशकों से चले आ रही है.अधिकारियों की लापरवाही के कारण किसानों को भारी नुकसान हो रहा है.इसलिए खरबी में उप नहर के टेल वर्क का काम जल्द से जल्द पूरा किए जाने की मांग की जा रही है. साथ ही ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि अगर मांग नहीं मानी गई तो जून माह के बाद धरना प्रदर्शन किया जाएगा. कनिष्ठ अभियंता को ज्ञापन देने वालों में खरबी के सरपंच गणेश मोथरकर, ईश्वर मोथरकर, नरेंद्र रामरतन अखरे, उमाशंकर धांडे, सतीश मोथरकर आदि का समावेश है.