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    • बैंक ने पूरी की अपनी जांच
    • प्रबंधन पर लापरवाही का ठीकरा

    भंडारा. बैंक के ग्राहकों के लिए दिए गए सुविधा केंद्र के संचालक ने बैंकिंग स्टाफ एवं ग्राहकों का भरोसा जीता एवं देढ करोड रुपये. की हेराफेरी पर गायब हो गया. अगस्त माह के अंतिम हफ्ते में जब ग्राहक अपनी जमा राशि की जानकारी लेने के लिए बैंक पहुंचे. तब इस मामले का खुलासा हुआ था. सवा महीने तक बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने हर पहलू से इस पूरे मामले की जांच की एवं केंद्र चालक द्वारा की गयी हेराफेरी के लिए बैंक मैनेजर को जिम्मेदार ठहराया है.

    इस मामले में बैंक की ओर से जांच रिपोर्ट एवं शिकायत पुलिस को दी गयी. जिसके पश्चात केंद्र चालक मांगली निवासी प्रमोद हरिश्चंद्र पडोले उम्र 32 वर्ष, बैंक मैनेजर उमेश कापगते, असिस्टेंट मैनेजर आशिष आटे, कमलाकर धार्मिक, सी.एस.सी.कंपनी डी.सी. मैनेजर दुर्गेश हरिराम भोंगाडे के खिलाफ धारा 420, 465, 467, 468, 409, 34 आईपीसी सह धारा 66(डी) आय.टी.एक्ट के तहत गुनाह दर्ज किया गया है.

    बैंक के वर्तमान मैनेजर हर्षकुमार हरिदास जामगडे ने अपनी शिकायत में पूरा ब्यौरा दिया है कि कैसे हेराफेरी की एवं इसके लिए बैंक के अधिकारियों की लापरवाही किस कदर जिम्मेदार थी.   

    जारी किया था ओ.डी. अकाउंट

    साल 2018 में प्रमोद पडोले की नियुक्ति सी.एस.सी.कंपनी द्वारा बाचेवाडी में बी.सी. (बिजनेस कारपोरेशन) पद पर की गयी थी. तभी से प्रमोद ने मैनेजर एवं अन्य अधिकारियों का विश्वास जाता. उन्हें साथ में लेकर बैंक में बैठकर बैंकिंग व्यवहार करने लगा था. प्रमोद को इसके लिए ओ.डी. अकाउंट नंबर 864029599 जारी किया था. प्रमोद यह बायोमेट्रिक मशीन पर बैंक ग्राहकों के अंगूठे लेता था एवं कैश डिपॉजिट और विड्रॉल का काम करता था. 

    विलास वैद्य ने की थी पहली शिकायत

    सितंबर 2021 में बैंक खाताधारक भेंडाला निवासी विलास ऋषी वैद्य ने बैंक में आकर पूछताछ की कि उसके खाते में 2,49,000रु. विड्राल दिखाई दे रहा है, जबकि उसने यह व्यवहार नहीं किया. इसके बाद आयी अन्य शिकायतों का संज्ञान लिया गया. 

    अधिकारियों ने नहीं निभाई जिम्मेदारी

    पूरे मामले का ऑडिट किया गया. जिसमें डेढ करोड रुपये की हेराफेरी हुई है. इस पूरे मामले में बैंक मैनेजर एवं 3 अन्य अधिकारियों को अधिकार था कि वह प्रमोद के आर्थिक व्यवहार पर नजर रखें. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. प्रमोद ने स्वयं को बैंक कर्मचारी के तौर पर पेश किया एवं ग्राहकों से पैसों का लेनदेन करने लगा. ग्राहकों से एक ही समय में कई विड्राल फार्म वर हस्ताक्षर या अंगूठे लेकर रखता था. बाद में पैसे विड्रावल कर अपने खाते में जमा करता था. 

    भरोसा का बेजा इस्तेमाल

    प्रमोद ने बायोमेट्रिक मशीन का बेजा इस्तेमाल किया एवं ग्राहकों के अंगूठे लेकर पैसे अपने खाते में आनलाईन तरीके से चढाता था. बैंक ग्राहकों के पासबुक बनाए और बी.सी.कोड की सील लगाए. यही नहीं उसने झूठे फिक्स डिपॉजिट रसीदें भी बनाई और उस पर भी  बी.सी.कोड की सील लगाई. उसने ग्राहकों के निरक्षरता का फायदा उठाकर पैसों की हेराफेरी की. आगे की जांच पुलिस निरीक्षक गायकवाड कर रहे है.