
लाखांदूर. केंद्रीय दल 25 दिसंबर को तहसील में प्रवेश कर रहा है, जो अगस्त के अंत में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र व नवंबर में वापसी की बारिश के साथ-साथ तुड़तुड़ा रोग से ग्रस्त क्षेत्र का निरीक्षण कर किसानों से संवाद करेंगे. टीम लाखांदूर तहसील के गवराला व डांभेविरली गांवों का दौरा करेगी.
इस वर्ष खरीफ सीजन में लाखांदूर तहसील में लगभग 26 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल बोई गई थी, किंतु अगस्त में 3 बार बाढ़ के कारण तहसील के लगभग 35 गांवों की धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचा था.
तुड़तुड़ा कीटों के साथ वापसी की बारिश ने तहसील में 8,000 हेक्टेयर से अधिक फसलों को नुकसान पहुंचाया था. इस पूरी स्थिति में इस वर्ष उत्पादन में गिरावट है. हालांकि ऐसे आरोप हैं कि बीमा कम्पनी ने किसानों को मिड-सीज़न अडवरसिटी के अनुसार नुकसान पर 25 प्रश अग्रिम भुगतान करने के नाम पर मजाक उड़ाया, जबकि क्षेत्र के किसानों को उम्मीद थी कि प्रभावित किसानों को पर्याप्त बीमा लाभ मिलेगा.
इस बीच तहसील में घटती उत्पादकता व आने वाली गिरावट के मद्देनजर यह कहा जाता है कि प्रभावित किसानों को पर्याप्त बीमा लाभ प्रदान करने किसानों को केंद्रीय टीम की यात्रा के दौरान स्थिति से अवगत कराना महत्वपूर्ण होगा. हालांकि इस वर्ष के खरीफ में केन्द्रीय टीम की दूसरी यात्रा है. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि क्षेत्र में किसानों के लाभ के लिए सरकार की ओर से उपाय किए जाएंगे.