भाजपा के लिए चुनौती बनेंगे चरण वाघमारे, भाजपा निष्कासन के बाद आज सांसद कार्यालय पर दस्तक

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    • धान खरीदी के मुद्दे पर घेरेंगे

    भंडारा. कल तक जब पूर्व विधायक चरण वाघमारे भाजपा में थे. वरिष्ठ नेता उनकी तारीफ करते नहीं थकते थे. उन्हें फायर ब्रांड नेता के तौर पर जाना जाता रहा है. लेकिन जिप पंस पदाधिकारी चुनाव में पार्टी की सोच का विरोध करते हुए वाघमारे ने कांग्रेस और नाना पटोले का साथ दिया. इस घटनाक्रम के बाद चरण वाघमारे को भाजपा से निष्कासित किया गया.

    अब यही चरण वाघमारे भाजपा के लिए सिरदर्द साबित होने वाला है. चरण वाघमारे किसान एवं धान खरीदी की सीमा बढ़ाने की मांग को लेकर हमलावर तेवर अपनाते हुए 4 जून को सांसद सुनील मेंढे के कार्यालय पर दस्तक देंगे. अनुमान है कि अपने विरोधियों पर हावी होने की महारत रखने वाले चरण वाघमारे यह निवेदन के कार्यक्रम के जरिए अपना शक्ति प्रदर्शन कर सकते है.

    धान खरीदी की सीमा बढें : चरण वाघमारे

    शुक्रवार को चरण वाघमारे ने स्थानीय विश्राम गृह में पत्र परिषद ली. जिसमें उन्होंने कहा कि जिले में  ग्रीष्म काल में 20 से 22 लाख क्विंटल धान का उत्पादन होता है. लेकिन सरकार ने 4,91,000 केवल क्विंटल धान खरीदी का टारगेट रखा है. जिससे किसानों को खुले बाजार में धान बेचना पड़ेगा. अगर ऐसा होता है, किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा।

    सांसद को देंगे निवेदन

    पूर्व विधायक चरण वाघमारे ने कहा कि वे जिले के सैकड़ों किसानों के साथ शनिवार 4 जून की सुबह 11  बजे सांसद सुनिल मेंढे के दफ्तर जाएंगे एवं निवेदन सौंपेंगे. उनकी मांग है कि केंद्र जिले में उत्पादित पूरा धान खरीदी करें.

    तो क्या 8 क्विंटल धान खरीदेंगे?

    चरण वाघमारे ने आंकड़ा प्रस्तुत कर कहा कि धान बिक्री के लिए पंजीबद्ध किसानों की संख्या 59,685 है.  सरकार का लक्ष्य केवल 4,51,956 क्विंटल है. ऐसे में एक किसान 8 क्विंटल से ज्यादा धान नहीं बेच पाएगा.

    किसानों का आर्थिक शोषण

    वाघमारे ने कहा कि केंद्र की धान खरीदी सीमा निश्चित करने से धान को खुले बाजार में बेचना पडेगा. इसमें किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाएगा. केंद्र ग्रीष्मकालीन धान की पूरी खरीदी करें यह अनुरोध  सांसद सुनिल मेंढे के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा जाएगा.

    वाघमारे के सहारे कांग्रेस

    ईंधन से लेकर महंगाई जैसे सभी मुद्दों से जनजीवन प्रभावित है. लेकिन जिले में केंद्र सरकार के विरोध में कांग्रेस का एक भी आंदोलन प्रभावी नहीं रहे है. वहीं दूसरी ओर चरण वाघमारे की संगठन पर पकड एवं आंदोलन को व्यापक रूप देने की क्षमता बेमिसाल है. दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि अब जब लोकसभा चुनाव को दो साल का समय शेष है. चरण वाघमारे के सहारे कांग्रेस यह भंडारा जिले में भाजपा विरोधी वातावरण बनाने की योजना बना सकती है.